Akhilesh Yadav on Sambhal Incident: संभल के जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुए हिंसा हुई थी। जिसमें पांच लोगों की हो गई थी। इस मामले को समाजवादी पार्टी सड़क से संसद तक पूरे दमखम से उठा रही है। बीते दिनों सपा के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल संभल जाने का ऐलान किया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें जाने से रोक दिया था। इस मामले में सपा प्रमुख अखिलेश यादव लगातार यूपी सरकार और प्रशासन पर हमलावर नजर आ रहे हैं। अखिलेश यादव ने संभल हिंसा पर फिर एकबार भाजपा सरकार पर निशाना साधा है।
"कितना खोदोगे आप, हर जगह खोदना चाहते हो। जो दिखाई दे रहा है उसकी तरफ क्यों नहीं जा रहे? मानसरोवर की तरफ भी तो चलो। एक दिन वह आएगा कि वह देश आपको कभी जाने नहीं देगा वहां पर।"
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— Samajwadi Party (@samajwadiparty) December 3, 2024
मंगलवार को संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुवात से पहले अखिलेश यादव ने कहा, “जिस दिन से संसद सत्र शुरू हुआ है, समाजवादी पार्टी ने संभल की घटना का मुद्दा उठाने की कोशिश की है। सदन नहीं चला, लेकिन हमारी मांग अब भी वही है।“ उन्होंने आगे कहा, “हम संभल की घटना पर अपनी बात सदन में रखना चाहते हैं। वहां के अधिकारी मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं, मानो वे भाजपा के कार्यकर्ता । संभल की घटना भाजपा की सोची-समझी रणनीति है, ताकि लोगों को दूसरे मुद्दों से भटकाया जा सके।” साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग हर जगह खुदाई करना चाहते हैं, एक दिन वे देश की सौहार्द्रता और भाईचारे को खो देंगे।
विपक्षी दलों ने सरकार पर लगाए आरोप
दरअसल, संभल हिंसा के बाद से ही मृतकों के परिवार से मिलने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं ने होड़ लगा दी। हर कोई संभल जाकर वहां के लोगों से मुलाकात करने की इक्षा जताई। हालांकि, पुलिस ने इलाके में उपजे तनाव के कारण किसी भी दल के नेताओं को संभल नहीं जाने दिया। पुलिस ने 10 दिसंबर तक संभल में किसी भी बाहरी नेताओं को जाने पर रोक लगाई हुई है।
"संभल इसलिए जाना जाता था कि भाईचारे के साथ वहां रहते हैं। वहां के भाईचारे को गोली मारने का काम हुआ है। यह खुदाई जो है हमारे देश के सौहार्द- भाईचारे को खोदेगा।"
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5 लोगों की गई थी जान
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के संभल में बीते दिनों जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी। जिसमें कई पुलिस जवानों को गंभीर चोटें आई थी। साथ ही इस हिंसा में 5 युवकों की जान चली गई थी। हिंसा के बाद कई लोगों पर पुलिस ने FIR करके गिरफ्तार भी किया था। साथ ही इस मामले में स्थानीय सांसद औऱ विधायक के खिलाफ भी लोगों को भड़काने के लिए केस दर्ज किया है। हालांकि, इस हिंसा की जांच के लिए न्ययिक टीम का गठन किया गया है। जो दो महीने में अपना रिपोर्ट सौंपेगी।