RSS Magazine Made Sambhal The Cover Story: देश में बढ़ते मंदिर-मस्जिद विवाद पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि देश में कुछ नेता मंदिर-मस्जिद विवाद करके हिन्दू नेता बनना चाहते हैं। उन्होंने मस्जिद में मंदिर न खोजने की नसीहत दी थी।
मोहन भागवत के बयान का विपक्ष ने स्वागत किया था। साथ ही भाजपा से मोहन भागवत के बयान पर अमल करने को कहा था लेकिन, हिन्दू संगठनों ने मोहन भागवत के बयान का विरोध किया है। रामभद्रचार्य से लेकर बड़े-बड़े साधुओं ने आरएसएस प्रमुख के बयान पर असमहति जताई थी। हालांकि, अब आरएसएस से जुड़े पत्रिका ने संभल को कवर स्टोरी बनाया है। जिसके बाद सवाल उठ रहा है कि क्या आरएसएस मोहन भागवत के बयान से समहत नहीं हैं?
पत्रिका ने संभल को दिया कवर स्टोरी
पत्रिका के ऑर्गनाइजर प्रफुल्ल केतकर ने लिखा है कि यह लड़ाई या तो किसी की व्यक्तिगत या सामुदायिक अधिकार है। पत्रिका में लिखा गया है कि कोई भी अपनी पूजा स्थल को मुक्त कराने के लिए कानूनी एक्शन की मांग कर सकता है। इनमें आखिर गलत क्या है? इसके अलावा पत्रिका ने इसे सोमनाथ सें संभल तक की लड़ाई से जोड़ दिया है। मैग्जीन के कवर पेज पर संभल की एक तस्वीर को रखा गया है। पत्रिका में लिखा गया है कि संभल में कभी हरिहर नाथ मंदिर था। वहां अब जामा मस्जिद बनी है।
प्रफुल्ल केतकर ने संपादकीय में लिखा कि हिन्दू-मुस्लिम के विवाद पर सीमित रहने के बजाए धर्म निरपेक्षों से सभ्ययतात न्याय के बारे में बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संभल से सोमनाथ तक और उससे आगे यह ऐतिहासिक सच की लड़ाई है।