Cloud Particle Scam: बीते सालों में हमने देखा है कि कई बड़े उद्योगपति और घोटालेबाजों ने देश छोड़ दिया। वो सब ऐसे देशों में जाकर बस गए जहां से उन्हें वापस लाना बहुत मुश्किल है। कई भगोड़ों को अभी भी सरकार वापस भारत लाने के लिए संघर्ष कर रही है। इस बीच प्रवर्तन निदेशालय की तत्परता के कारण एक घोटाले के मास्टरमाइंड को देश छोड़ने के पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है। ED ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 3,558 करोड़ रुपये के कथित घोटाले में आरोपी सुखविंदर सिंह और डिंपल खरूर को जब हिरासत में लिया, जब वो देश को भागने के फिराक में थे। इन दोनों आरोपियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस पहले ही जारी कर दिया गया था, जिसके कारण उन्हें एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया। इन दोनों को जालंधर कोर्ट ने आगे की जांच के लिए ED की हिरासत में भेज दिया है।
किस घोटाले में है आरोपी?
ED के अनुसार, व्यूनाउ मार्केटिंग सर्विसेज लिमिटेड और इससे जुड़ी अन्य कंपनियों के खिलाफ चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग मामले के तहत कार्रवाई की है। दरअसल, ‘Cloud Particle Scam’ में इन दोनों का नाम आया। घोटाले में शामिल तमाम कंपनियों ने निवेशकों को झूठे सेल एंड लीज-बैक मॉडल के जरिए फंसाया गया। इस मामले में पहली FIR उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर पुलिस द्वारा दायर की गई। जिसके बाद इस पूरे मामले में ED की एंट्री हुई। ED की जांच में यह पता चला कि व्यूनाउ ग्रुप के सीईओ और संस्थापक सुखविंदर सिंह ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर निवेशकों को चुना लगाया।
3 हजार करोड़ से अधिक का घोटाला
ED के अनुसार, क्लाउड पार्टिकल टेक्नोलॉजी के नाम पर निवेशकों से मोटा पैसा जुटाया गया। लेकिन असल में या तो ऐसी कोई कंपनी थी ही नहीं या फिर निवेशकों को गुमराह करने के लिए इसे बढ़-चढ़ाकर दिखाया गया। ED ने जानकारी देते हुए कहा, ‘इस फर्जी निवेश योजना के जरिए लगभग 3,558 करोड़ रुपये की रकम निवेशकों से ऐंठी गई और इसे गैर-व्यावसायिक कार्यों में इस्तेमाल किया गया।