मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जज जस्टिस डीवी रमण ने अपने अवकाश ग्रहण के दिन बेहद सनसनीखेज आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, मेरा तबादला बुरी नीयत से किया किया गया था। जस्टिस रमण ने दिल की कड़वाहट इन शब्दों में बयां की, ईश्वर न तो क्षमा करता है और न ही भूलता है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की वेबसाइट के अनुसार, न्यायमूर्ति रमण की सेवानिवृत्ति दो जून 2025 को होने वाली थी।
अपने आखिरी कार्यदिवस मंगलवार को अपने विदाई समारोह में स्थिर लेकिन दर्द से भरी हुई आवाज में जस्टिस रमण ने कहा, यह मेरे जीवन का एक उल्लेखनीय दौर था। मुझे बिना किसी स्पष्टीकरण के आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट से मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया। अपनी पत्नी की पैरोक्सिस्मल नॉन-एपिलेप्टिक सीजर्स (पीएनईएस) से लड़ाई और कोविड-19 महामारी के बाद गंभीर मस्तिष्क संबंधी जटिलताओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, मुझसे विकल्प पूछे गए थे। मैंने कर्नाटक को चुना, ताकि मेरी पत्नी को बेहतर इलाज मिल सके। लेकिन एक पति की करुणा से उपजी ईमानदार विनती अनसुनी कर दी गई।