Jyoti Malhotra: एहसान उर-रहीम, जिसे दानिश के नाम से भी जाना जाता है। भारत में पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात एक अधिकारी था। वह हरियाणा की ट्रैवल ब्लॉगर ज्योति मल्होत्रा को जासूसी के लिए उकसाने वाले मुख्य व्यक्ति के रूप में सामने आया है। 2023 में ज्योति की मुलाकात दानिश से तब हुई, जब वह पाकिस्तान का वीजा लेने दिल्ली में उच्चायोग गई थी। दानिश ने ज्योति का वीजा दिलवाया, उसकी पाकिस्तान यात्रा का इंतजाम किया, और उसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों जैसे अली अहसान, शकीर, और राणा शाहबाज से मिलवाया।
जांच के अनुसार, दानिश ने ज्योति को न सिर्फ जासूसी के लिए इस्तेमाल किया, बल्कि उससे व्यक्तिगत संबंध भी बनाए, जिसमें दोनों का इंडोनेशिया के बाली में साथ यात्रा करना शामिल है। दानिश ने ज्योति को पाकिस्तान की सकारात्मक छवि सोशल मीडिया पर पेश करने के लिए भी प्रेरित किया। भारतीय एजेंसियों को शक है कि दानिश पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) से जुड़ा था और उसने पंजाब व हरियाणा में जासूसी का एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया था।
दानिश और अन्य एजेंटों के संपर्क में थी ज्योति
13 मई 2025 को भारत सरकार ने उसे जासूसी के आरोप में “पर्सोना नॉन ग्राटा” घोषित कर देश से निष्कासित कर दिया। हालांकि, यह कहना कि ज्योति “मासूम” थी, पूरी तरह सही नहीं हो सकता। ज्योति ने स्वीकार किया कि वह दानिश और अन्य एजेंटों के संपर्क में थी और उसने संवेदनशील जानकारी साझा की, जो एक सोची-समझी गतिविधि का हिस्सा प्रतीत होती है।