कर्नाटक। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने दुष्प्रचार फैलाने के आरोप में भाजपा की राज्य इकाई के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करने का फैसला लिया है। सरकार की ओर से रविवार को जारी एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया कि भाजपा ने ‘राज्य सरकार के दो साल के कार्यकाल की विफलताओं का आरोपपत्र’ शीर्षक के साथ प्रिंट और डिजिटल मीडिया में गलत जानकारी दी है। सरकार ने कहा कि विपक्षी पार्टी ने तथ्यों को तोड़-मरोड़ के पेश किया है और दुष्प्रचार किया है।
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सरकार के इस कदम को कर्नाटक में आपातकाल के दूसरे अध्याय की शुरुआत बताया है। अधिसूचना में कहा गया है कि सरकार यह मानहानि का मुकदमा बंगलूरू की 42वीं मुख्य मेट्रोपोलिटन कोर्ट में दर्ज करेगी। इसके लिए कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग (डीपीएआर) के सचिव को शिकायत दर्ज करने के लिए कहा गया है।
इस पर भाजपा ने कहा कि यह कर्नाटक में पहली बार है जब एक ‘काली अधिसूचना’ जारी कर विपक्षी पार्टी और मीडिया को डराने की कोशिश की गई है। इसके लिए सरकार सरकारी तंत्र और अधिकारियों को इस्तेमाल कर रही है। कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने एक्स पर लिखा, कांग्रेस सरकार की किसी भी धमकी से भाजपा डरने वाली नहीं है। अगर आप यह सोचते हैं कि आप पुलिस और कानून के नाम पर विपक्षी पार्टियों की आवाज दबा सकते हैं, तो यह आपकी मूर्खता की पराकाष्ठा है।
उन्होंने कहा, यह फैसला आपके चापलूसों और मूर्ख सलाहकारों की सलाह पर लिया गया है और यह न केवल भाजपा, बल्कि मीडिया के खिलाफ भी एक बदले की कार्रवाई है। विजयेंद्र ने आगे लिखा, कर्नाटक में आपातकाल का दूसरा अध्याय शुरू हो चुका है। लेकिन कांग्रेस सरकार को जल्द ही दिख जाएगा कि लोकतंत्र, कर्नाटक की जनता, विपक्षी दल और मीडिया में इसे पलटने की पूरी ताकत है।