India-Nepal border: भारत और नेपाल ने सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है। बिहार के मधुबनी और पूर्वी चंपारण जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और स्थानीय पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है। यह कदम भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद किया गयाहै, जिसके तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर हमले किए गए। खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि पाकिस्तान अब नेपाल के रास्ते भारत में घुसपैठ की कोशिश कर सकता है। इसके अलावा हाल ही में चीनी और कनाडाई नागरिकों के अवैध प्रवेश के मामले सामने आने से सुरक्षा एजेंसियां और सतर्क हो गई हैं।
इसी बीच नेपाल में स्थित चीनी दूतावास ने अपने नागरिकों के लिए एक चेतावनी जारी की है। दूतावास ने अपने आधिकारिक वीचैट चैनल पर 9 मई 2025 को एक ट्रैवल एडवाइजरी जारी करते हुए चीनी नागरिकों से भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्रों से बचने और बिना वैध वीजा के भारत में प्रवेश न करने की सलाह दी है। दूतावास ने बताया कि हाल ही में कुछ चीनी नागरिकों को भारतीय सीमा सुरक्षा बलों ने अवैध प्रवेश के आरोप में गिरफ्तार किया है। उदाहरण के तौर पर, 7 मई 2025 को बिहार के रक्सौल में चार चीनी नागरिकों को बिना वीजा के भारत में प्रवेश करने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया।
भारत-नेपाल सीमा पर हमला
मधुबनी जिले में भारत-नेपाल सीमा पर एक ड्रोन की गतिविधि देखी गई, जिसके बाद दो चीनी नागरिकों को वीडियोग्राफी करते हुए हिरासत में लिया गया। इन नागरिकों के पास से ड्रोन और अन्य उपकरण बरामद किए गए, जिसने सुरक्षा चिंताओं को और बढ़ा दिया। जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या ये गतिविधियां किसी जासूसी या अवैध ऑपरेशन से जुड़ी थीं।
सुरक्षा एजेंसियां सीमावर्ती क्षेत्रों में
भारत-नेपाल सीमा, जो 1,850 किलोमीटर लंबी और खुली है, दोनों देशों के नागरिकों को बिना वीजा के आवाजाही की अनुमति देती है। हालांकि, तीसरे देश के नागरिकों के लिए वैध वीजा अनिवार्य है। चीनी दूतावास ने अपने नागरिकों को सलाह दी है कि वे भारतीय वीजा पहले से प्राप्त करें और सड़क मार्ग के बजाय हवाई मार्ग से भारत में प्रवेश करें। साथ ही, सीमा क्षेत्रों में तस्वीरें लेने से बचने की भी हिदायत दी गई है।
सुरक्षा एजेंसियों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त तेज कर दी है और ग्रामीण रास्तों, पुलों, और पगडंडियों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। स्थानीय लोगों से भी संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने की अपील की गई है। यह स्थिति क्षेत्रीय स्थिरता और भारत-नेपाल संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि दोनों देश ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से जुड़े हुए हैं।