Uddhav Thackeray: शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को आरोप लगाया कि बीजेपी भाषा के आधार पर लोगों में बंटवारा करने की कोशिश कर रही है और महाराष्ट्र में भाषाई आपातकाल थोप रही है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी जो पहले बीजेपी की सहयोगी थी हिंदी के खिलाफ नहीं है, लेकिन मराठी भाषी राज्य में हिंदी थोपने के खिलाफ जरूर है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम किसी भी भाषा का विरोध नहीं करते और ना ही हमें किसी भाषा से नफरत है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम किसी भी भाषा को जबरन थोपने देंगे। बता दें कि उद्धव ठाकरे का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कक्षा 1 से 5 तक के मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में हिंदी पढ़ाने को लेकर विवाद चल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी का छिपा हुआ एजेंडा हिंदी थोपना है। सत्ता में बैठी पार्टी एक तरह से भाषा पर आपातकाल थोप रही है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में स्कूलों में तीसरी भाषा पढ़ाने को लेकर जारी विवाद के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा बयान दिया था। उन्होंने साफ कहा कि राज्य सरकार थर्ड लैंग्वेज फॉर्मूले पर कोई भी अंतिम फैसला तब तक नहीं लेगी, जब तक सभी संबंधित पक्षों से चर्चा नहीं कर ली जाती। इसमें साहित्यकारों, भाषा विशेषज्ञों, राजनीतिक दलों और अन्य संबंधित लोगों को शामिल किया जाएगा।
बीते सोमवार को देर रात मुंबई स्थित अपने सरकारी निवास पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस मुद्दे पर उच्चस्तरीय बैठक की थी। बैठक में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, स्कूल शिक्षा मंत्री दादा भूसे, राज्य मंत्री डॉ. पंकज भोयर और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत लागू होने वाले थर्ड लैंग्वेज फॉर्मूले पर विस्तार से चर्चा की गई थी।