Bangalore Stampede: बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की 18 सालके बाद आईपीएल जीत के जश्न के दौरान मची भगदड़ ने शहर को हिलाकर रख दिया। इस दुखद घटना में 11 लोगों की जान चली गई, जबकि 47 से अधिक लोग घायल हो गए। कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस मामले का संज्ञान लिया और गुरुवार को सुनवाई के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए। हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह खुलासा हुआ कि स्टेडियम की क्षमता केवल 35,000 दर्शकों की थी। लेकिन अनुमानित 2.5 लाख से अधिक लोग जश्न में शामिल होने पहुंचे। गेट नंबर 7 पर मुफ्त टिकट वितरण की अफवाह ने भीड़ को भयावह बना दिया, जिसके कारण स्थिति अनियंत्रित हो गई। कोर्ट को बताया गया कि पुलिस ने पहले विजय परेड की अनुमति देने से इनकार किया था। लेकिन RCB प्रबंधन ने दोपहर 3:14 बजे सोशल मीडिया पर परेड की घोषणा कर दी, जिससे भ्रम और बढ़ गया।
साथ ही हाई कोर्ट में यह भी सामने आया कि पुलिस बल का बड़ा हिस्सा विधान सौधा में तैनात था। जहां मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री RCB टीम से मिलने वाले थे। इससे स्टेडियम के बाहर भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त पुलिस बल नहीं था। एक व्यक्ती ने बताया कि बारिश ने स्थिति को और बिगाड़ दिया, जिसके कारण लोग संकरे गेट की ओर भागे, और बैरिकेड्स टूट गए।
कर्नाटक के गृह मंत्री का बयान
कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि सरकार ने RCB या कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) से विजय समारोह आयोजित करने का अनुरोध नहीं किया था। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने सरकार से 10 जून को अगली विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।
स्टेडियम में थी फ्री एंट्री
सरकार के वकील ने कहा “स्टेडियम की क्षमता 30,000 से 35,000 लोगों की थी जबकि स्टेडियम के बाहर ढाई लाख लोग मौजूद थे। हर कोई अंदर जाने की कोशिश कर रहा था। क्योंकि अंदर की एंट्री फ्री थी। अबतक के जांच में यही पता चला है। अगली सुनवाई तक15 दिनों में सभी रिपोर्ट सामने आ जाएगी। जिन 11 लोगों की मौत हुई है वह सभी स्टेडियम के बाहर हुई है, हालांकि स्टेडियम में कुल 21 गेट हैं।”