Chennai :तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में पुलिस हिरासत में हुई युवक की संदिग्ध मौत का मुद्दा इन दिनों पूरे राज्य में छाया हुआ है। 29 वर्षीय अजीत कुमार की मौत को लेकर विपक्ष से लेकर आम जनता तक में भारी आक्रोश है। मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने पीड़ित परिवार को बड़ी राहत देने का एलान किया है। उन्होंने अजित कुमार के छोटे भाई को एएवीआईएन सुविधा में नौकरी की पेशकश की है। साथ ही परिवार को एक आवासीय भूखंड आवंटित किया है। राज्य सरकार के एलान के मुताबिक, अजित कुमार के भाई नवीन कुमार को राज्य सरकार नियंत्रित दुग्ध सहकारी समिति में टेक्नीशियन के पद पर नियुक्त किया जाएगा।
क्या था मामाला
नर्मदापुरम भत्रकाली अम्मन मंदिर में सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्यरत अजीत कुमार को 27 जून को पुलिस ने 9.5 सोने के सिक्कों की चोरी के मामले में हिरासत में लिया था। कथित तौर पर उन्हें छह सदस्यीय विशेष टीम द्वारा हिरासत में लिया गया और हिरासत में बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया, जिसके चलते उनकी मृत्यु हो गई। इस मामले मे तमिलनाडु में लोगों के बीच बड़ा आक्रोश पैदा कर दिया है। मौत की खबर सामने आते ही स्थानीय लोगों और अजीत कुमार के परिवार ने न्याय की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए।
पांच पुलिसकर्मी गिरफ्तार
अब तक, इस मामले में थिरुप्पुवनम पुलिस स्टेशन के पांच पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा, शिवगंगा के पुलिस अधीक्षक आशीष रावत को अनिवार्य प्रतीक्षा सूची में रखा गया है। पुलिस उपाधीक्षक को भी निलंबित कर दिया गया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 44 जगह चोटों का दावा
अदालत को सौंपी गई प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि अजित के शरीर पर कम से कम 44 जगह चोटें थीं। इसके अलावा, कथित तौर पर उसके जननांग, मुंह और कानों पर मिर्च पाउडर पाया गया था।
मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि राज्य ने अपने ही एक नागरिक की हत्या कर दी है। मद्रास उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने मदुरै जिला न्यायालय के न्यायाधीश को कथित हिरासत हत्या की जांच करने और 8 जुलाई तक रिपोर्ट देने का भी आदेश दिया है। अदालत ने हिरासत में रहते हुए पीड़ित को लगी चोटों की प्रकृति पर गहरा आश्चर्य व्यक्त किया। अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि घटना पर राज्य की प्रतिक्रिया अपर्याप्त थी और वरिष्ठ पदों पर बैठे अधिकारियों सहित सभी संबंधित अधिकारियों से जवाबदेही की मांग की।