मनजिंदर सिंह सिरसा ने विशेष कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा, दिल्ली खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड को 2026 तक प्रॉफिटेबल बनाएँगे
(हिन्दुस्तान दर्पण संवाददाता)
दिल्ली सरकार 6 अगस्त को मनाएगी राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस। ‘वस्त्र कथा’ नामक विशेष कार्यक्रम का होगा आयोजन — 20 से अधिक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की जी.आई. टैग प्राप्त कपड़ों की प्रदर्शनी, 24 हैंडलूम स्टॉल, वैदिक सभ्यता पर आधारित फैशन शो
एलएसआर, मिरांडा हाउस, हिंदू कॉलेज, गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज, पर्ल अकैडमी समेत दिल्ली के प्रमुख कॉलेजों के 150 से अधिक छात्र-छात्राएं इसमें हिस्सा लेंगे — हैंडलूम फैशन को मिलेगा बढ़ावा
मनजिंदर सिंह सिरसा: “हमारी कोशिश है इस साल डीकेवीआईबी को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की ताकि अगले साल तक इसे प्रॉफिटेबल बनाया जा सके।”दिल्ली सरकार पहले ही डीकेवीआईबी के कौशल प्रशिक्षण के लिए ₹50 करोड़ आवंटित कर चुकी है
मंत्री ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता का ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के तहत हैंडलूम को बढ़ावा देने के लिए धन्यवाद किया
“फैशन उद्योग ग्लोबल वॉर्मिंग का एक बड़ा कारण है। दूसरी ओर, हैंडलूम प्रकृति से जुड़ा है, बिना रसायनों के तैयार होता है और खासकर ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देता है। हैंडलूम सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि जलवायु और संस्कृति के संगम की एक अनोखी मिसाल है”: माननीय मंत्री श्री मनजिंदर सिंह सिरसा
नई दिल्ली,। दिल्ली की समृद्ध हैंडलूम विरासत को पुनर्जीवित करने और ईको-फ्रेंडली फैशन को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार 6 अगस्त को ‘राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस’ मनाने के उद्देश्य से एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन करेगी, पर्यावरण एवं उद्योग मंत्री श्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया। ‘वस्त्र कथा’ नामक यह कार्यक्रम दिल्ली खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड (डीकेवीआईबी) के तहत आयोजित होगा — जिसमें हेरिटेज, सस्टेनेबिलिटी और युवाओं की रचनात्मकता का संगम होगा। कार्यक्रम में जी.आई. टैग वाले कपड़ों की प्रदर्शनी, वैदिक सभ्यता पर आधारित फैशन रैम्प वॉक और स्टूडेंट डिज़ाइन प्रोजेक्ट्स शामिल होंगे। माननीय मंत्री श्री सिरसा ने कहा: “हम डीकेवीआईबी में लंबे समय से रुके हुए सुधार ला रहे हैं, ताकि यह बोर्ड इस साल के अंत तक आर्थिक रूप से मजबूत बन सके और 2026 तक एक प्रॉफिटेबल संस्था के रूप में उभरे। सरकार पहले ही ₹50 करोड़ की राशि कौशल प्रशिक्षण के लिए आवंटित कर चुकी है, और अब हम ‘वस्त्र कथा’ जैसे मंचों के माध्यम से कारीगरों को रोज़गार और पहचान दोनों दे रहे हैं।” कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण होगा — 24 स्टॉल्स की प्रदर्शनी, जिसमें भारत के विभिन्न प्रदेशों से दुर्लभ, जी.आई. टैग वाले हैंडलूम साड़ियाँ और कपड़े प्रदर्शित किए जाएंगे। इनमें असम की मोंगा सिल्क, तेलंगाना की पोचमपल्ली और गडवाल, तमिलनाडु की कांजीवरम सिल्क, मध्य प्रदेश की चंदेरी और महेश्वरी, केरल की कसावु, गुजरात की पटोला, पश्चिम बंगाल की कांथा और ओडिशा की बुनकाई सिल्क जैसे खास कपड़े शामिल होंगे। हर स्टॉल उस राज्य की विशेष वस्त्र को दर्शाएगा। साथ ही, एक फैशन शो के ज़रिए इन पारंपरिक कपड़ों को आधुनिक नजरिए से पेश किया जाएगा — जिसमें पेशेवर डिज़ाइनर्स, फैशन मॉडल्स और स्टूडेंट्स फैशन क्लब हिस्सा लेंगे। दिल्ली के प्रमुख कॉलेजों — मिरांडा हाउस, लेडी श्रीराम कॉलेज, हिंदू कॉलेज, जीटीबी खालसा कॉलेज, गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज और पर्ल अकैडमी — के 150 से अधिक छात्र-छात्राएं इस आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। प्रसिद्ध फैशन डिज़ाइनर जैसे राहुल मिश्रा, संजय गर्ग, सुरेखा जैन, रीना ढाका और पर्निया कुरैशी भी इस पहल को रचनात्मक समर्थन देने के लिए कार्यक्रम में भाग लेंगे। सिरसा ने कहा:“फैशन इंडस्ट्री पर्यावरण पर असर डालती है। इसके विपरीत, हैंडलूम प्राकृतिक होता है, रसायनों के बिना बनता है और गांवों में खासकर महिलाओं को आजीविका देता है। यह सिर्फ परंपरा नहीं — यह संस्कृति के साथ जलवायु संरक्षण है।” मंत्री ने डीकेवीआईबी को फिर से खड़ा करने में निरंतर सहयोग देने के लिए माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता का आभार प्रकट किया। साथ ही, उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान से मिली प्रेरणा को भी स्वीकार किया, जिसके तहत दिल्ली सरकार ‘वस्त्र कथा’ जैसी पहलें शुरू करने जा रही हैं। र्यक्रम का उद्देश्य ‘वस्त्र कथा’ को दिल्ली का सालाना प्रमुख आयोजन बनाना है — जिससे डीकेवीआईबी एक आदर्श संस्था बन सके जो कारीगरों के हित, सस्टेनेबल फैशन और आर्थिक मजबूती का प्रतीक हो।