(हिन्दुस्तान दर्पण संवाददाता)
नई दिल्ली,दिल्ली सरकार ने देश की राजधानी को हरित, पर्यावरण के अनुकूल व प्रदूषण से मुक्त करने के लिए बड़ी पहल की है। राष्ट्रपति एस्टेट में आज आयोजित ‘वन महोत्सव 2025’ में जानी मानी हस्तियों ने दिल्ली सरकार की इस पहल की सराहना की है और कहा है कि ऐसे आयोजनों व जन-जागरुकता से ही दिल्ली सही मायनों में देश की राजधानी कहलाएगी। इस आयोजन के तहत राष्ट्रपति एस्टेट स्थित 11 विलिंगडन क्रिसेंट में एक विशेष पौधारोपण अभियान आयोजित किया गया।
माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की भावना को आत्मसात करते हुए, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सहित सभी उपस्थित गणमान्य लोगों ने पौधारोपण किया। इस अवसर पर दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, जस्टिस नवीन चावला, जस्टिस ज्योति सिंह, जस्टिस अनूप भंभानी, जस्टिस अरुण त्यागी, एनजीटी एक्सपर्ट कमेटी मेम्बर डा. सेंथिल वेल, डा. अफरोज अहमद उपस्थित हुए । कार्यक्रम में दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, सम्मानित न्यायमूर्ति, वन विभाग के अधिकारीगण तथा अन्य गणमान्य अतिथि भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राजधानीवासियों से अपील की, कि वे अपने घरों, आस-पड़ोस, विद्यालयों, कार्यालयों और सामुदायिक स्थलों पर अधिक से अधिक पेड़ लगाकर इस अभियान को एक जनांदोलन का रूप दें। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि वन महोत्सव 2025 के तहत दिल्ली सरकार ने इस वर्ष 70 लाख से अधिक पौधे लगाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है।
इस अवसर पर दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने दिल्ली सरकार के इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि वह ‘वन महोत्सव’ के इस विशेष अवसर पर दिल्लीवासियों से अपील की कि वे इस अभियान को जन आंदोलन का रूप दें और इसे एक सफल और स्थायी पहल में परिवर्तित करें। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के अध्यक्ष, न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अत्यंत सराहनीय कदम बताया। उन्होंने कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य बनता है कि वह पर्यावरण की रक्षा के लिए हरसंभव योगदान दे।
मुख्यमंत्री ने पौधारोपण करते हुए दिल्लीवासियों को यह स्पष्ट संदेश दिया कि पर्यावरण की सुरक्षा केवल सरकार की ज़िम्मेदारी नहीं, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक का नैतिक और सामाजिक उत्तरदायित्व है। उन्होंने कहा कि हमें इस बात की अत्यंत प्रसन्नता है कि आज पर्यावरण के संरक्षण के लिए सभी जागरूक नागरिक एक मंच पर एकत्र हुए हैं। ‘एक पेड़ मां के नाम’ केवल एक अभियान नहीं, बल्कि यह हमारी भावनाओं से जुड़ी एक पहल है, जो न केवल हरियाली को बढ़ावा देगी, बल्कि समाज और पर्यावरण के बीच के रिश्ते को भी और अधिक सशक्त बनाएगी। पेड़ सिर्फ पर्यावरण को स्वच्छ बनाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए शुद्ध वायु प्रदान करने वाले जीवंत संरक्षक हैं। उन्होंने दिल्लीवासियों से अपील की कि वे इस जन-अभियान में सरकार के साथ जुड़ें और पेड़ों को अपनी सामूहिक ज़िम्मेदारी मानें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल हरियाली का उत्सव नहीं, बल्कि भावी पीढ़ियों को एक बेहतर और स्वच्छ वातावरण सौंपने का प्रयास है। उन्होंने सभी नागरिकों से इस अभियान में भाग लेने और ‘एक पेड़ मां के नाम’ लगाने का आग्रह किया।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि वह दिल्ली उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश, सम्मानित न्यायमूर्तियों तथा राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के माननीय अध्यक्ष और पीठ के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं, जिन्होंने आज की वृक्षारोपण मुहिम में माननीय मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और दिल्लीवासियों के साथ सहभागिता की। उन्होंने कहा कि इन सभी विशिष्ट व्यक्तियों की उपस्थिति ने हरित दिल्ली के निर्माण के लिए एकता और सामूहिक उत्तरदायित्व का एक सशक्त संदेश दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि वन महोत्सव अब केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं रह गया है, बल्कि यह एक व्यापक जनआंदोलन में परिवर्तित हो चुका है। दिल्ली के नागरिक बड़ी संख्या में इस मिशन से जुड़ रहे हैं और उत्साहपूर्वक वृक्षारोपण कर रहे हैं।