कीव। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने मंगलवार को रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन को ‘शांति पत्र’ लिखने के लिए अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप को धन्यवाद दिया है। इस पत्र में रूस की ओर से कथित तौर पर बच्चों के अपहरण का मुद्दा उठाया गया था।
जेलेंस्की ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, मैं अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप को इस युद्ध के सबसे दर्दनाक और जटिल मुद्दों में से एक (रूस द्वारा बच्चों के अपहरण) पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद देता हूं। हम उनके करुणा भाव और पुतिन को लिखे गए पत्र की सराहना करते हैं। हमारे बच्चे, टूटे हुए परिवार और बिछड़ने का दर्द..यह मुद्दा इस युद्ध की मानवीय त्रासदी के केंद्र में हैं। कम से कम 20 हजार बच्चों को ले जाया गया है। मैंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अनुरोध किया है कि वह यूक्रेन की प्रथम महिला ओलेना जेलेंस्का की ओर से मेलानिया को धन्यवाद पत्र सौंपें। उनकी आवाज मायने रखती है और उनका साथ इस प्रयास को ताकत देगा।
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि उनकी सरकार हर बच्चे को घर वापस लाने के लिए निरंतर काम कर रही है। उन्होंने कहा, यही बात उन युद्धबंदियों और नागरिकों पर भी लागू होती है, जिन्हें रूस ने वर्षों से बंदी बना रखा है। कुछ तो 2014 से ही बहुत खराब हालात में कैद हैं। अभी भी हजारों लोगों को रिहा किया जाना बाकी है और यह शांति स्थापित करने की प्रक्रिया का हिस्सा है। हम सभी युद्धबंदियों की अदला-बदली के लिए काम करेंगे और हमें खुशी है कि हमारे साथ मजबूत मित्र खड़ें हैं, जो मदद करते हैं।
राष्ट्रपति ट्रंप ने मंगलवार को ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट की है, जिसके जवाब में जेलेंस्की की यह टिप्पणी सामने आई है। ट्रंप ने कहा कि वह और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन लापता बच्चों की वैश्विक समस्या पर चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा उनकी प्राथमिकता में है और दुनिया को मिलकर इन बच्चों को उनके परिवारों तक वापस लाना होगा।
ट्रंप ने लिखा, यूरोपीय आयोग की अत्यंत सम्मानित अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और मैं गुमशुदा बच्चों की विशाल वैश्विक समस्या पर चर्चा कर रहे हैं। यह विषय मेरी पत्नी मेलानियां के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। यह हर सूची में ऊपर है और दुनिया को मिलकर इसे हल करने की कोशिश करनी होगी, ताकि बच्चे अपने घरों को लौट सकें। मेलानिया ने 15 अगस्त को पुतिन को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि बच्चों और भविष्य की पीढ़ियों की रक्षा की जाए। ऐसा विचार हर तरह की मानवीय दूरियों को पार करता है।