चेन्नई : तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन मुख्य विपक्षी पार्टी एआईएडीएमके में अंदरूनी कलह बढ़ती ही जा रही है। शुक्रवार को एआईएडीएमके नेतृत्व ने पार्टी से निष्कासित नेता के ए सैंगोत्तैयन के 14 समर्थकों को भी पार्टी से बाहर कर दिया। पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त किए गए नेताओं में एक पूर्व सांसद वी सत्यभामा भी शामिल हैं। बयान में कहा गया है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते के ए सैंगोत्तैयन के समर्थकों के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है।
पार्टी के विभिन्न गुटों को एक करने की कोशिश कर रहे सैंगोत्तैयन
सेंगोत्तैयन विधानसभा चुनाव से पहले एआईएडीएमके के विभिन्न गुटों को एक करने की कोशिश कर रहे थे। बताया जा रहा है कि पार्टी से निकाले गए 14 नेता भी सेंगोत्तैयन का साथ दे रहे थे। एआईएडीएमके महासचिव एडप्पादी पलानीस्वामी ने इन 14 सदस्यों को हटाने का आदेश दिया है। यह कदम पूर्व मंत्री सेंगोत्तैयन के खिलाफ शुरू की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई के बाद उठाया गया है। सेंगोत्तैयन ने हाल ही में पार्टी से हटाए गए नेताओं ओ पनीरसेल्वम, वी के शशिकला और उनके भतीजे टी टी वी दिनाकरन से मुलाकात की थी।
बीते दिनों जब एआईएडीएमके ने सेंगोत्तैयन को पार्टी से निकाला तो टीटीवी दिनाकरन ने पार्टी महासचिव ईके. पलानीस्वामी पर निशाना साधा था। उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले 2026 के विधानसभा चुनाव में जनता पलानीस्वामी को सबक सिखाएगी। एआईएडीएमके ने भी अब पलटवार किया है।
एआईएडीएमके का टीटीवी दिनाकरन पर निशाना
एआईएडीएमके नेता और विपक्षी उप-नेता आर. बी. उदयकुमार ने पार्टी से निष्कासित चल रहे नेता टीटीवी दिनाकरन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, ‘टीटीवी दिनाकरन का दावा है कि एआईएडीएमके विधायक पी.एच. मनोज पांडियन ई पलानीस्वामी की वजह से डीएमके में शामिल हुए। लेकिन क्या दिनाकरन ने कभी सोचा है कि सेंथिल बालाजी, मरियाप्पन केनेडी और पलानीअप्पन जैसे कई अहम नेता जो कभी उनके साथ थे, वे सब उन्हें छोड़कर क्यों चले गए? टीटीवी दिनाकरन ही वह व्यक्ति है जिसने सत्ता हथियाने और एआईएडीएमके पर कब्जा करने की कोशिश की। वही वह व्यक्ति है जिसने पार्टी को अस्थिर करने की कोशिश की। लेकिन दिनाकरन की योजना कभी भी एआईएडीएमके महासचिव पलानीस्वामी के खिलाफ काम नहीं आई। इसी निराशा और लाचारी में वह अब ये सब बयान दे रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि, ‘टीटीवी दिनाकरन ही वह व्यक्ति है जिसे जयललिता ने खुद पार्टी से निकाल दिया था और उन्हें उनके सामने खड़े होने से भी रोक दिया था। दिनाकरन अब AIADMK और उसके वफादार कार्यकर्ताओं के बारे में झूठी और बदनाम करने वाली बातें फैला रहे हैं। बदनामी फैलाना ही उनका एकमात्र काम बन गया है।’