(अजय मेहरा)
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में एक समाचार पत्र में प्रकाशित रिपोर्ट का खंडन करते हुए साफ किया है कि दिल्ली सरकार के सरकारी अस्पतालों में आवश्यक दवाइयों और मेडिकल साजो-सामान की कोई कमी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग ने मीडिया में छपी रिपोर्ट को निराधार और भ्रामक बताते हुए कहा है कि इसका मकसद दिल्ली की जनता में अनावश्यक रूप से भ्रम पैदा करना है।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग का यह स्पष्टीकरण तब सामने आया जब दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर पंकज कुमार सिंह ने सभी सरकारी अस्पतालों में जरूरी दवाइयों की उपलब्धता पर प्रकाशित खबर पर खुद संज्ञान लेते हुए पूरे मामले की तत्काल समीक्षा की। मंत्री महोदय ने दिल्ली सरकार के सभी सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की वर्तमान स्थिति की त्वरित समीक्षा भी की।
लाइफ सेविंग दवाइयों के स्टॉक की समीक्षा के बाद संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल, मंगोलपुरी समेत संबंधित अस्पतालों के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट्स ने साफ-साफ कहा है कि अस्पतालों में आवश्यक दवाइयों और मेडिकल सामान की कोई कमी नहीं है। दिल्ली के लोकनायक अस्पताल और संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल से विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त हुई है, जिसमें समाचार पत्र में उल्लिखित सभी आवश्यक दवाइयों और मेडिकल इंस्ट्रूमेंट की स्थिति स्पष्ट रूप से दी गई है।
लोकनायक अस्पताल की रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि मीडिया रिपोर्ट तथ्यात्मक रूप से निराधार और भ्रामक है। दिल्ली सरकार की अनुमोदित दवाओं की सूची के अनुसार सभी आवश्यक और जीवन रक्षक दवाइयां अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। दवाओं की कमी के आरोप बिना वास्तविक स्थिति की जांच किए बिना लगाए गए हैं। साथ ही अस्पताल में मरीजों की निरंतर सेवा और देखभाल सुनिश्चित करने के लिए सेंट्रल प्रोक्योरमेंट एजेंसी से दवाओं की बेहद मजबूत आपूर्ति प्रणाली सुचारू रूप से लागू है। अस्पताल प्रबंधन की तरफ से दवाइयों के दैनिक स्टॉक की रोजाना निगरानी भी की जाती है और किसी भी तरह की दवाओं की कमी की स्थिति में तत्काल सेंट्रल प्रोक्योरमेंट एजेंसी से स्वीकृत प्रक्रिया के माध्यम से जरूरी दवाओं की आपूर्ति की जाती है।
दिल्ली सरकार के एलएनजेपी, संजय गांधी मेमोरियल, डॉक्टर बाबा साहेब अंबेडकर और लाल बहादुर शास्त्री अस्पतालों की रिपोर्ट में 40 से अधिक महत्वपूर्ण दवाइयों और मेडिकल आइटम्स की पूरी उपलब्धता की पुष्टि की गई है, जिनमें एमिकैसिन, मेरोपेनम, वैनकोमाइसिन जैसे इंजेक्शन, एंटीबायोटिक्स और डेक्सामेथासोन जैसे स्टेरॉयड दवाइयां, वैक्सीन, सिरप, टैबलेट्स, आईवी कैनुला और नॉर्मल सलाइन बोतल समेत लाइफ सेविंग दवाओं और शल्य चिकित्सा की आपूर्तियां शामिल हैं।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर पंकज कुमार सिंह ने कहा कि मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट निराधार और भ्रामक होने से राजधानी की जनता में अनावश्यक भय उत्पन्न कर रही है। मरीजों को सरकारी अस्पतालों से मिलने वाली मुफ्त दवाइयां बेहद आवश्यक हैं, इसलिए मीडिया को बिना सत्यापन के ऐसी खबरें प्रसारित करने से बचना चाहिए और जिम्मेदारी पूर्वक तथ्यों की जांच करने के बाद ही खबरों का प्रकाशन करना चाहिए। दिल्ली की माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार राजधानी के सभी नागरिकों को मुफ्त दवाइयां, सस्ता-सुलभ मेडिकल साजो सामान और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं निरंतर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की रिपोर्ट में यह भी साफ तौर पर उल्लेख किया गया है कि कुछ विशिष्ट दवाइयां, जैसे इंजेक्शन लाइनजोलिड और सिरप आइप्रावेंट फिलहाल कुछ स्थानों पर उपलब्ध नहीं हैं, क्योंकि वे आवश्यक दवा सूची (ईडीएल) में शामिल नहीं हैं। हालांकि, ऐसी दवाइयों के उपयुक्त विकल्प सरकारी अस्पताल में मौजूद हैं जो मरीजों को वितरित किया जा रहा है । अस्पतालों की रिपोर्ट में यह भी रेखांकित किया गया है कि लाइफ सेविंग दवाइयों, वैक्सीन और शल्य चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति एक सतत प्रक्रिया है और किसी भी प्रकार की कमी होने पर उसकी आपूर्ति तत्काल रूप से की जाती है। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने राजधानी की प्रत्येक जनता से अपील की है कि वे सटीक जानकारी के लिए केवल आधिकारिक स्रोतों पर ही भरोसा करें और सरकार की जन स्वास्थ्य के प्रति अटूट प्रतिबद्धता पर अपना विश्वास और भरोसा बनाए रखें।

