ढाई साल में ही जनता कांग्रेस से परेशान- विजयेंद्र
उन्होंने कहा, ‘2023 में लोगों ने कांग्रेस को बहुत उम्मीदों के साथ चुना था। लेकिन ढाई साल में ही जनता परेशान हो चुकी है। विकास रुका हुआ है, युवा निराश हैं और सरकार के अंदर आपसी लड़ाई के कारण प्रशासन लकवाग्रस्त है।’ भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस को अपने आंतरिक विवादों को 8 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले सुलझा लेना चाहिए, क्योंकि किसान मुआवजे और अन्य मुद्दों पर सरकार से बड़े फैसलों की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘डीके शिवकुमार बहुत आक्रामक रुख में हैं। मुझे बिल्कुल आश्चर्य नहीं होगा अगर कांग्रेस में दो गुट बन जाएं।’
घबराने की जरूरत नहीं, मैं जल्दबाजी में नहीं- शिवकुमार
उधर, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने नेतृत्व बदलने की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने न तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की, न ही राहुल गांधी से, और न ही वे अभी मुख्यमंत्री बनने की जल्दबाजी में हैं। मुंबई में पत्रकारों से उन्होंने कहा, ‘मैं सिर्फ पारिवारिक कार्यक्रम में आया हूं। न कोई बैठक हुई है, न कोई चर्चा। अगर बैठक होनी होगी तो वह दिल्ली या बंगलूरू में होगी, मुंबई में नहीं।’
सत्ता-शेयरिंग समझौते पर फिर सवाल
कर्नाटक राजनीति में यह विवाद तब और बढ़ गया जब बार-बार 2023 में हुए कथित समझौते का जिक्र होने लगा, जिसमें कहा जाता है कि सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच सत्ता साझा करने की बात तय हुई थी। हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे और कांग्रेस एमएलसी यतींद्र सिद्धारमैया ने इस दावे को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा, ‘ऐसा कोई समझौता हुआ था, यह बात मेरे पिता ने कभी नहीं बताई।’