Satara Doctor Found Dead : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सतारा में महिला डॉक्टर की कथित आत्महत्या के मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित की गई है। फॉरेंसिक रिपोर्ट ने पुष्टि की है कि डॉक्टर के हाथ पर लिखा हुआ नोट वास्तव में उसी ने लिखा था।
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान फडणवीस ने कहा, नासिक की डॉक्टर की कथित आत्महत्या के मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाई गई है। फॉरेंसिक रिपोर्ट से यह साफ हो गया है कि डॉक्टर के हाथ पर लिखा गया सुसाइड नोट उन्हीं का लिखा हुआ है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जांच में अब तक यह सामने आया है कि पुलिस अधिकारी मदाणे ने डॉक्टर को धोखा दिया और उसका यौन शोषण किया, जबकि एक अन्य आरोपी ने भी उसे छल और मानसिक उत्पीड़न का शिकार बनाया। उन्होंने कहा, मौजूदा फॉरेंसिक जांच में मृत्यु का कारण फांसी लगाना पाया गया है। जांच जारी है और जल्द ही आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा। एक सेवानिवृत्त जज के माध्यम से स्वतंत्र जांच भी शुरू की गई है और पुलिस स्तर की जांच की निगरानी के लिए एक महिला आईपीएस अधिकारी नियुक्त की गई है।
फडणवीस ने इस मुद्दे का कथित तौर पर राजनीतिकरण करने वालों की भी निंदा की और कहा, कुछ लोगों ने इस मामले को राजनीति से जोड़ने की दुर्भाग्यपूर्ण कोशिश की। इस मामले में सभी की जांच की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि शक्ति कानून संविधान द्वारा राज्य को दी गई शक्तियों का उल्लंघन करता है, इसलिए इसे वापस भेजा गया। जिस कानून के आधार पर यह कानून बनाया गया था, उसे भी मंजूरी नहीं मिली। शक्ति कानून में किए गए कुछ नए प्रावधान अब नए तीन कानूनों में शामिल किए गए हैं। जो चीजें सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप नहीं हैं, उन्हें हटा दिया जाएगा और बाकी शामिल की जाएंगी।
गौरतलब है कि 23 अक्तूबर को सतारा में एक महिला डॉक्टर ने कथित यौन शोषण और मानसिक उत्पीड़न के कारण आत्महत्या कर ली थी। डॉक्टर की बांह पर लिखे नोट में एक पुलिस अधिकारी और दो अन्य का नाम था। उन पर उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप था।
इस मामले में सतारा पुलिस ने पुलिस उप निरीक्षक गोपाल बदने और प्रशांत बांगर को गिरफ्तार किया था। दोनों के खिलाफ दुष्कर्म और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस उप निरीक्षक बदाणे को इसके बाद निलंबित कर दिया गया।