– बिहार की पूर्णिया सीट इस बार सुर्खियों में रही।
-बीमा भारती और पप्पू यादव के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है।
– जेडीयू ने संतोष कुशवाह को चुनावी मैदान में उतारा है।
पूर्णिया। इस बार लोकसभा चुनाव में बिहार की पूर्णिया सीट सबसे ज्यादा चर्चा में रही। यहां दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोटिंग हुई। राज्य की अधिकतर सीटों पर आइएनडीआइए और एनडीए के बीच सीधी टक्कर है, लेकिन पूर्णिया सीट की स्थिति काफी अलग रही। पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने निर्दलीय चुनाव लड़ा। उन्होंने बाकी पार्टियों के समीकरण को बिगाड़ दिया है। चुनाव से पहले पप्पू यादव ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था, लेकिन उन्हें पार्टी से टिकट नहीं मिला। हालांकि उनका दावा है कि कांग्रेस का समर्थन उन्हें हासिल है।
टिकट नहीं मिलने पर पप्पू यादव ने निर्दलीय चुनाव लड़ा। उन्होंने दावा किया कि उन्हें न सिर्फ कांग्रेस बल्कि बीजेपी और राजद के लोगों का समर्थन है। पप्पू ने कहा, ‘वे पूर्णिया के बेटे के तौर पर मैदान में हैं।’ पप्पू यादव बिहार के कद्दावर नेताओं में से एक है। वह पांच बार 1991, 1996, 1999, 2004 और 2014 में जीतकर संसद पहुंचे हैं।
बीमा भारती बनाम संतोष कुशवाह बनाम पप्पू यादव
आइएनडीआइए गठबंधन से राष्ट्रीय जनता दल की नेता बीमा भारती प्रत्याशी है। एनडीए की तरफ से जदयू नेता संतोष कुशवाह चुनावी मैदान में है। पिछले चुनाव में कुशवाह ने कांग्रेस के उदय सिंह को हराया था। इस चुनाव से पहले पप्पू यादव ने अपनी जन अधिकारी पार्टी को कांग्रेस में विलय कर संकेत दिया था कि वे कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर पूर्णिया से उतरेंगे। हालांकि यह सीट महागठबंधन में राजद के पाले में चली गई।
टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय उतरे पप्पू यादव
टिकट नहीं मिलने पर पप्पू यादव ने निर्दलीय चुनाव लड़ा। उन्होंने दावा किया कि उन्हें न सिर्फ कांग्रेस बल्कि बीजेपी और राजद के लोगों का समर्थन है। पप्पू ने कहा, ‘वे पूर्णिया के बेटे के तौर पर मैदान में हैं।’ पप्पू यादव बिहार के कद्दावर नेताओं में से एक है। वह पांच बार 1991, 1996, 1999, 2004 और 2014 में जीतकर संसद पहुंचे हैं।
पूर्णिया में त्रिकोणात्मक मुकाबला
पूर्णिया में पप्पू यादव के मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणात्मक हो गया। अब देखना होगा कि यहां जनता जर्नादन किसको आशीर्वाद देती है। इसका पता 4 जून को रिजल्ट के बाद ही चलेगा।