– एन. चंद्रबाबू नायडू चुने गए एनडीए विधायक दल के नेता
– बुधवार को पीएम मोदी की उपस्थिति में लेंगे शपथ
– ससुर एनटीआर को हटाकर बने थे टीडीपी के मुखिया
हैदराबाद । आंध्र प्रदेश में एन. चंद्रबाबू नायडू को एनडीए विधायक दल का नेता चुना गया है। वे बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे।
बता दें, आंध्र प्रदेश विधानसभा में कुल 175 सीटें हैं। चुनाव आयोग के अनुसार, टीडीपी (TDP) ने सबसे ज्यादा 135 सीटों पर जीत दर्ज की। एनडीए के अन्य सहयोगियों में जन सेना पार्टी ने 21 और भाजपा ने 8 सीटें जीती हैं। इस तरह एनडीए के खाते में कुल 164 सीट आई। निवर्तमान मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस सिर्फ 11 सीटों पर सिमट गई।
एन. चंद्रबाबू नायडू ने ससुर एनटीआर से की थी बगावत
एन. चंद्रबाबू नायडू के बारे में सभी को पता है कि उन्होंने अपने ससुर एनटी रामाराव (NTR) से बगावत करके टीडीपी पर कब्जा किया था और संयुक्त आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। बहुत कम लोगों को वो किस्सा पता है, जब इस बगावत का पहला एक्शन देखने को मिला था।
यह बात उस समय की है, जब एनटीआर ने एक बड़े मंच से हजारों समर्थकों के सामने लक्ष्मी पार्वती से शादी करने का एलान किया था। इससे पहले तक एनटीआर के परिवार को इस रिश्ते के बारे में पता था और अंदरखाने विरोध चल रहा था।
‘एनटीआर अ बायोग्राफी’ में के. चंद्राहास और के लक्ष्मीनारायणा ने इस पर विस्तार से लिखा है। बायोग्राफी के अनुसार, एनटीआर तब बीमारी का इलाज करवाकर अमेरिका से लौटे थे। इस मुश्किल समय में लक्ष्मी पार्वती ने उनकी बहुत सेवा की थी।
तिरुपति में रात के समय एक बड़ी रैली थी। एनटीआर के साथ मंच पर दामाद चंद्रबाबू नायडू भी मौजूद थे। एनटीआर ने अपने संबोधन के दौरान भीड़ के सामने कहा, आज मैं जिंदा हूं तो एक महिला के कारण और उसका नाम है लक्ष्मी पार्वती। यदि आप लोग सहमत हो तो मैं उससे शादी करने को तैयार हूं।
इतना कहते हुए एनटीआर ने लक्ष्मी पार्वती को भीड़ में से मंच पर बुलाया और उसके गले में मंगलसूत्र डालने की कोशिश की। यह सब हो पाता इससे पहले चंद्रबाबू नायडू एक्शन में आ गए और बिजली कटवा दी। मंच पर अंधेरा छा गया और हल्ला मच गया। किसी को नहीं पता कि एनटीआर मंगलसूत्र बांध पाए या नहीं।
यह वो शुरुआत थी, जब चंद्रबाबू नायडू ने अपनी बगावत को अमली जामा पहनाना शुरू किया। इसके बाद एनटीआर के बेटों समेत परिवार के अन्य सदस्यों को अपने साथ शामिल कर लिया और न केवल पार्टी पर कब्जा कर लिया, बल्कि मुख्यमंत्री भी बन गए।