नई दिल्ली। ईवीएम पर शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता पर दर्ज हुई एफआईआर और टेस्ला के मालिक एलोन मस्क के बयान के बाद से राजनीति फिर से तेज हो गई है। राहुल गांधी ने निशाना साधते हुए ईवीएम को ब्लैक बॉक्स बता दिया, जिसको खोला नहीं जा सकता है। चुनाव आयोग ने सभी आरोपों का जवाब देते हुए बताया कि ईवीएम को हैक नहीं किया जा सकता है।
महाराष्ट्र के शिवसेना नेता रवींद्र वायकर के रिश्तेदार मंगेश पंडिलकर पर आरोप लगा कि वह गोरेगांव में मतगणना केंद्र पर कथित तौर पर मोबाइल लेकर घुसे थे। उन पर अब एफआईआर दर्ज हो गई है। उसके बाद से ईवीएम को लेकर बहस तेज हो गई है।
चुनाव आयोग ने दी सफाई
रिटर्निंग ऑफिसर वंदना सूर्यवंशी ने इन सभी आरोपों का जवाब प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर दिया। उन्होंने कहा कि ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित है, क्योंकि यह किसी भी नेटवर्क से नहीं जुड़ती है। इसको ओपन करने के लिए किसी भी तरह के ओटीपी की जरूरत नहीं होती है। यह हैक नहीं हो सकती है, क्योंकि यह किसी भी डिवाइस कनेक्ट नहीं होती है।
बैलेट पेपर से हो चुनाव- अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि ‘टेक्नॉलजी’ समस्याओं को दूर करने के लिए होती है। अगर, वही मुश्किलों की वजह बन जाए, तो उसका इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। आज जब विश्व के कई चुनावों में ईवीएम को लेकर गड़बड़ी की आशंका जाहिर की जा रही है। दुनिया के जाने-माने टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स ईवीएम में हेराफेरी के खतरे की ओर खुलेआम लिख रहे हैं, तो फिर ईवीएम के इस्तेमाल की जिद के पीछे की वजह क्या है, ये बात भाजपाई साफ करें। आगामी सभी चुनाव बैलेट पेपर (मतपत्र) से कराने की अपनी मांग को हम फिर दोहराते हैं।