– 8 जुलाई को होगी मामले की अगली सुनवाई
– कोर्ट ने अन्य याचिकाओं के साथ नई याचिका को भी किया संलग्न
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नीट-यूजी मामले में एक नयी याचिका पर सुनवाई करते हुए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) से पूछा कि क्या ओएमआर शीट के बारे में शिकायत करने के लिए कोई समय सीमा तय है।
कोर्ट ने एनटीए को जारी किया नोटिस
कोर्ट ने याचिका पर एनटीए को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले में आठ जुलाई को पहले से लंबित याचिकाओं के साथ ही सुनवाई की जाएगी। ये आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और एसवीएन भट्टी की अवकाश कालीन पीठ ने जाइलम लर्निंग प्राइवेट लिमिटेड व अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान दिये।
कोर्ट ने कोचिंग संस्थान से भी पूछा सवाल
हालांकि, कोर्ट ने कोचिंग संस्थान द्वारा अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किये जाने पर भी सवाल किया और पूछा कि इस मामले में संस्थान के मौलिक अधिकार किस तरह प्रभावित होते हैं, लेकिन याचिकाकर्ता की ओर से बहस कर रहे वरिष्ठ वकील आर. बसंत ने बात संभालते हुए कहा कि याचिका में दूसरे, तीसरे और चौथे नंबर के याचिकाकर्ता छात्र हैं, जिन्होंने नीट-यूजी परीक्षा दी है।
कई छात्रों को नहीं मिली है ओएमआर शीटः वकील
उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता छात्रों को ओएमआर शीट नहीं मिली है। इस दलील पर कोर्ट में पहले से मौजूद एनटीए के वकील वर्धमान कौशिक ने कहा कि सभी की ओएमआर शीट वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई हैं अगर याचिकाकर्ताओं को ओएमआर शीट को लेकर कोई शिकायत है तो वे अपनी शिकायत कर सकते हैं।
पीठ ने एनटीए से क्या पूछा?
इसी समय पीठ ने एनटीए से पूछा कि क्या ओएमआर शीट के बारे में शिकायत करने को लेकर कोई समय सीमा है। एनटीए के वकील ने कहा कि वह निर्देश लेकर बताएंगे। उन्होंने इस याचिका को भी पहले से लंबित याचिकाओं के साथ संलग्न करने का अनुरोध करते हुए कहा कि इस बीच वह जवाब दाखिल कर देंगे। हालांकि, वकील बसंत ने कहा कि ओएमआर शीट के बारे में शिकायत करने की अभी तक कोई तय प्रक्रिया नहीं है और इसीलिए याचिकाकर्ता छात्र ओएमआर शीट देने की मांग कर रहे हैं।
पेपर लीक और परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप
मेडिकल के पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए नीट-यूजी परीक्षा गत पांच मई को आयोजित हुई थी। परीक्षा के बाद से ही पेपर लीक और परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगने लगे थे। छात्रों ने परीक्षा रद करने और मामले की निष्पक्ष जांच को लेकर प्रदर्शन भी किया।
इस बीच, एनटीए ने 1563 छात्रों को दिये गए ग्रेस मार्क हटा कर उनके लिए दोबारा परीक्षा का आयोजन किया था। साथ ही पेपर लीक मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी गई है। बहुत से छात्रों ने नीट-यूजी परीक्षा के बारे में विभिन्न उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में याचिकाएं दाखिल कर रखी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सभी मामलों पर नोटिस जारी कर आठ जुलाई को एक साथ सुनवाई पर लगाने का आदेश दे रखा है।