– भगवान जगन्नाथ रविवार को भ्रमण पर निकले।
– अनुष्ठान के बाद रथ पर सवार हुए महाप्रभु।
– राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राज्यपाल ने दी बधाई।
नई दिल्ली। पुरी की रथ यात्रा का सोमवार को दूसरा दिन है। भगवान बलभद्र, सुभद्रा और जगन्नाथ के रथ गुंडिचा मंदिर पहुंच गए हैं। अब भगवान की पूजा-अर्चना होगी। इसके बाद राजभोग लगाया जाएगा। मंगलवार को भगवान का मंदिर में प्रवेश होगा।
11 जुलाई को हेरापंचमी
अगले सात दिनों तक रथ यही रहेंगे। हेरापंचमी 11 जुलाई को मनाई जाएगी। 15 जुलाई को भगवान अपने रथों में बैठकर मंदिर में वापस लौटेंगे। प्रभु के मंदिर लौटने वाली यात्रा को बहुड़ा यात्रा कहते है।
रविवार को शुरू हुई रथ यात्रा
रविवार को यात्रा का पहला दिन था। रथ यात्रा शाम 5 बजे के बाद शुरू हुई और सूर्यास्त के बाद रोक दी गई। भगवान जगन्नाथ का रथ पांच मीटर बढ़ा था। समाचार एजेंसी एएनआई ने जगन्नाथ रथा का वीडियो एक्स हैंडल पर शेयर किया है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु नजर आ रहे हैं।
रथ यात्रा दो दिन क्यों?
इस बार रथ यात्रा दो दिन की रही, क्योंकि आषाढ़ के कृष्ण पक्ष में तिथियां घट गई हैं। इससे पहले ऐसा संयोग 1971 में बना था। ऐसे में भगवान के नवयौवन दर्शन, नेत्रोत्सव और गुंडीचा यात्रा एक ही दिन में करना पड़ा।
एक श्रद्धालु की मौत
वहीं, रथ यात्रा के पहले दिन भीड़ में घबराहट से एक श्रद्धालु की मौत हो गई। कुछ लोग घायल हो गए। घायलों को पुरी के जिला अस्पताल ले जाया गया। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने मृतक के परिजनों के लिए चार लाख रुपये के मुआवजे का एलान किया है।