नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नीट परीक्षा को लेकर दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई की। इस दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने स्पष्ट टिप्पणी करते हुए कहा कि नीट परीक्षा की सुचता के साथ समझौता बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। अगर, समझौता हुआ है, तो री-एग्जाम को लेकर फैसला देना होगा। इस मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई 11 जुलाई को रखी है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अदालत नीट की सकारात्मक छवि को लेकर चिंतित है। हम चाहते हैं कि ऐसा समाधान निकाला जाए, जिससे फिर से इस तरह की घटनाएं ना हों। सरकार ने इसकी जांच के लिए अगर कोई समिति बनाई, तो उसकी रिपोर्ट हमें दें।
पेपर लीक मामले की हो विस्तृत जांच
मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि पेपर लीक मामले में कहां-कहां एफआईआर की गई है। एनटीए ने बताया कि पटना, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और झारखंड में एफआईआर की गई है। उन्होंने निर्देश दिया कि पेपर लीक मामले हुई एफआईआर की विस्तृत जांच होनी चाहिए।
री-एग्जाम की चुनौतियों पर देगा होगा ध्यान
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि फैसला री-एग्जाम को लेकर आता है, तो परीक्षा की चुनौतियों के बारे में भी ध्यान रखना होगा। परीक्षा की तैयारी दोबारा करनी होगी, इसके इंतजाम पर नजर रखनी पड़ेगी, छात्रों की यात्रा, परिवहन आदि के खर्च की भी व्यवस्था देखनी होगी।
ये था पूरा मामला
चार जून को नीट परीक्षा का परिणाम आया था। उसके बाद से देश भर के अभ्यर्थियों ने हंगामा काट दिया था। दरअसल, इन अभ्यर्थियों ने जब रिजल्ट देखा, तो पाया कि 67 टॉपर्स हैं। इनमें से 8 टॉपर्स तो एक ही सेंटर के हैं। उनको शक हुआ कि इस बार नीट परीक्षा में बहुत बड़ी धांधली हुई है। अभ्यर्थियों ने सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक एनटीए के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने मांग की कि एनटीए की जांच हो, जिससे स्थिति साफ हो सके।