– मेडिकल प्रवेश परीक्षा में धांधली का मामला
– सुप्रीम कोर्ट में दायर हैं कई याचिकाएं
– दोबारा परीक्षा कराने के पक्ष में नहीं केंद्र
नई दिल्ली । मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। तमाम याचिकाकर्ताओं ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच के सामने कहा कि उन्हें केंद्र सरकार के हलफनामे की प्रति नहीं मिली है। इसके बाद जजों ने सुनवाई टाल दी और 18 जुलाई, गुरुवार की तारीख तय कर दी।
इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया कि नीट यूजी में बड़े पैमाने पर धांधली नहीं हुई है। साथ ही कहा कि दोबारा परीक्षा कराने की जरूरत नहीं है।
अनियमितता नहीं… पढ़िए केंद्र सरकार के हलफनामे की बड़ी बातें
नीट-यूजी मामले में बड़े पैमाने पर कोई धांधली नहीं हुई है, ऐसे में दोबारा परीक्षा कराए जाने की कोई जरूरत नहीं है। पेपर लीक से जुड़ा वायरल टेलीग्राम वीडियो फर्जी है।
किसी भी दोषी अभ्यर्थी को कोई लाभ नहीं मिलेगा। IIT मद्रास की डाटा एनालिटिक्स रिपोर्ट दिखाती है कि कोई बड़ी अनियमितता या बड़े पैमाने पर गड़बड़ी नहीं हुई है।
रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर कदाचार या स्थानीय पक्षपात के कोई सुबूत नहीं मिले हैं। कुछ परीक्षा केंद्रों से ही टॉपर होने का आरोप निराधार है। टॉप 100 कैंडिडेट 56 शहरों से हैं।