कोलंबो | भगवान परशुराम राष्ट्रीय पंडित परिषद् के तत्वावधान में श्रीलंका की राजधानी कोलम्बो में पांच दिवसीय अंतरर्राष्ट्रीय सनातन धर्म और ज्योतिष महासम्मेलन सम्पन्न हुआ। अनेक देशों के विद्वज्जनों और विदूषियों की समुपस्थिति में परिषद् के पदाधिकारियों ने नीमकाथाना निवासी ज्योतिर्विद् पं. कौशल दत्त शर्मा को *”अन्तर्राष्ट्रीय ज्योतिष गौरव सम्मान”* से सम्मानित किया।
सोमवार को दिन के नौ बजे से एक बजे तक आयोजित महासम्मेलन के समापन सत्र का उद्घाटन श्रीलंका शासन के शिक्षा मंत्री श्री वेल्लुसाम्मी राधाकृष्णन् एवं केंद्रीय राज्य मंत्री श्री सिसीरा जयाकोडी के करकमलों से वैदिक मन्त्रों के बीच सुसम्पन्न हुआ।
श्री शर्मा ने लगातार पांचों दिन मुख्य वक्ता के रुप में अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर ज्योतिष, धर्म, दर्शन, पौरोहित्य और रामायण के विभिन्न प्रसंगों पर प्रकाश डालते हुए ज्योतिषशास्त्र में फलादेश के मूल सिद्धान्तों का विवेचन, विभिन्न रोगों के कारण और निवारण, दुर्गार्चन में गुरु-शुक्रास्त की ग्राह्यता व रावण का वैभव विषयों पर पत्र वाचन भी किया।
मुख्य अतिथि श्री वेल्लुसाम्मी राधाकृष्णन् ने कहा कि वर्तमान में सनातन धर्म-संस्कृति और पुरातन भारतीय संस्कारों के संरक्षण की महति आवश्यकता है। भारत और श्रीलंका के सांस्कृतिक और पुरा ऐतिहासिक सम्बन्ध सदा सर्वदा जीवन्त रहेंगे। यहां रामायण से जुड़े स्थल आज ही विद्यमान है सुरक्षित हैं। उन्होंने रामायण से जुड़े स्थलों के शोध कार्य के लिए आए परिषद् ट्रस्ट के विद्वानों की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने सीता माता के प्राचीन मंदिर के जीर्णोद्धार का विश्वास भी दिलाया।
परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेश गौड़ ने श्री श्याम चतुर्वेदी के सहयोग से मंदिर जीर्णोद्धार के लिए 10 लाख रुपए देने की घोषणा भी की। सीता माता मंदिर नुवारा एरिया (अशोक वाटिका) क्षेत्र में हैं, जहां रामदूत हनुमान जी के पदचिन्ह आज भी है।