नई दिल्ली। स्वाति मालीवाल बदसलूकी केस में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव रहे बिभव कुमार पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक महिला के साथ इस तरह बदसलूकी करते हुए उन्हें शर्म नहीं आई।
बिभव कुमार की याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। बिभव कुमार ने जमानत नहीं देने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा, ‘क्या मुख्यमंत्री का बंगला एक निजी आवास है? क्या ऐसे गुंडों को रखने के लिए उस कार्यालय की आवश्यकता है? क्या ऐसा ही होता है? हम हैरान हैं। सवाल यह है कि यह कैसे हुआ।’
पीठ ने माना कि वारदात वाले दिन स्वाति मालीवाल ने बिभव कुमार से हमला बंद करने को कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा करना जारी रखा।
बिभव कुमार को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा, ‘आप अपने बारे में क्या सोचते हैं? क्या आपके के दिमाग में कोई शक्ति है? आपका बर्ताव ऐसा है, जैसे कोई गुंडा परिसर में घुस गया हो। आप पूर्व सचिव थे, अगर पीड़िता को वहां रहने का कोई अधिकार नहीं था, तो आपको भी वहां रहने का कोई अधिकार नहीं था।’