PM MODI LIVE: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सार्वभौमिक सहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि यह संघर्ष का समय नहीं है। जॉर्जटाउन में गुयाना की संसद के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “चाहे वह श्रीलंका हो या मालदीव, या कोई भी देश संकट का सामना कर रहा हो, भारत ने हमेशा बिना किसी स्वार्थ के उन्हें सहायता प्रदान की है।”
Guyana is a gateway to Latin America, and you can become a bridge of opportunities and possibilities between India and the Continent. Together, we can better the partnership of India and CARICOM.
Yesterday, India-CARICOM Summit was held, and we decided to strengthen every aspect… pic.twitter.com/0sja78WVRF
— BJP (@BJP4India) November 21, 2024
मोदी ने गुयाना के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार ‘द ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस’ से सम्मानित होने के एक दिन बाद कहा नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जिस भी देश में भूकंप आया, भारत ने हमेशा सबसे पहले प्रतिक्रिया दी है और यह हमारी परंपरा है। हम कभी विस्तार में विश्वास नहीं करते। ‘अंतरिक्ष और समुद्र’ सार्वभौमिक सहयोग के विषय होने चाहिए, न कि सार्वभौमिक संघर्ष के। यह दुनिया के लिए संघर्ष का युग नहीं है,”।
Today, we face numerous challenges, including terrorism, drug trafficking, and cybercrime. To shape a better future for the coming generations, we must confront these issues head-on.
This can only be achieved by prioritizing "Democracy First, Humanity First."
– PM @narendramodi pic.twitter.com/WVtZeaR71B
— BJP (@BJP4India) November 21, 2024
प्रधानमंत्री ने कहा, “हम कभी भी स्वार्थ, विस्तारवादी दृष्टि से आगे नहीं बढ़े और न ही संसाधनों को हड़पने की भावना रखी। मानवता पहले भारत के निर्णय लेने का मार्गदर्शन करती है।” उन्होंने कहा, “‘लोकतंत्र पहले, मानवता पहले’ की भावना के साथ भारत ‘विश्व बंधु’ के रूप में अपना कर्तव्य निभा रहा है।” मोदी ने कहा, “समावेशी समाज के निर्माण के लिए लोकतंत्र से बड़ा कोई दूसरा माध्यम नहीं है…दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि लोकतंत्र सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि लोकतंत्र हमारे डीएनए, विजन, आचार और व्यवहार में है।”