Ajmer Sharif Dargah: यूपी के संभल स्थित जामा मस्जिद के बाद अब राजस्थान के अजमेर में दरगाह शरीफ का सर्वे होने का रास्ता साफ हो गया है। बता दें कि निचली अदालत ने हिंदू पक्ष की उस याचिका को स्वीकार कर लिया है। जिसमें अजमेर शरीफ दरगाह को हिंदू मंदिर करार दिया गया है। कोर्ट में याचिका हिन्दू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से दायर की गई थी।
बताया जा रहा है कि हिंदू पक्ष ने याचिका के साथ ही सबूत भी पेश कर दिया है। याचिका में उस जगह पर पूजा करने की अनुमति मांगी गई है। साथ ही पुरातत्व विभाग द्वारा सर्वे कराए जाने की भी मांग की गई है।
अदालत में पेश की गई किताब
आपको बता दें कि, इससे पहले मंगलवार यानी 26 नवंबर को भी इस मामले की सुनवाई हुई थी। जिसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 27 नवंबर तय की थी। हिन्दू पक्ष की ओर से दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा किया गया है। बताया जा रहा है कि पिछली सुनवाई के दौरान सबूत के तौर पर एक खास किताब पेश की गई। किताब में दावा किया गया कि वहां एक हिंदू मंदिर था।
क्या हैं हिन्दू पक्ष के दावे?
हिन्दूपक्ष की ओर दावा किया गया है कि दरगाह की जमीन पर पहले भगवान शिव का मंदिर था। मंदिर में पूजा और जलाभिषेक होता था। इसके लिए याचिका में अजमेर निवासी हर विलास शारदा द्वारा वर्ष 1911 में लिखी पुस्तक का हवाला दिया गया है। पुस्तक में दरगाह के स्थान पर मंदिर का जिक्र किया गया है। दरगाह परिसर में मौजूद 75 फीट लंबे बुलंद दरवाजे के निर्माण में मंदिर के मलबे के अंश और तहखाने में गर्भगृह होने का प्रमाण होने का दावा हिन्दू पक्ष कर रहे हैं।