ISRO Lauched PROBA-3: इसरो ने 4दिसंबर 2024को प्रोबा-3की लॉन्चिंग टालने के बाद आज यानी 5दिसंबर 2024की शाम चार बजकर चार मिनट पर लॉन्च कर दिया है। लॉन्चिंग श्री हरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड एक से PSLV-XL रॉकेट से की गई। बता दें कि मात्र 26मिनट की उड़ान के बाद इसरो का रॉकेट सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में स्थापित कर देगा।
इस मिशन में इसरो PSLV-C59रॉकेट उड़ा रहा है। इसमें सी59असल में रॉकेट कोड है। यह पीएसएलवी की 61वीं उड़ान और XL वैरिएंट की 26वीं उड़ान थी। बता दें कि यह रॉकेट 145.99फीट ऊंचा है। चार स्टेज के इस रॉकेट का लॉन्च के समय वजन 320टन होता है। यह रॉकेट प्रोबा-3सैटेलाइट को 600 X 60,530 km वाली अंडाकार ऑर्बिट में रखेगा। प्रोबा-3विश्व का पहला प्रेसिशन फॉर्मेशन फ्लाइंग सैटेलाइट है. यानी यहां एक नहीं दो सैटेलाइट लॉन्च होना है। जिनका कुल वजन 550किलोग्राम होगा के करीब है। पहला है कोरोनाग्राफ स्पेसक्राफ्ट और दूसरा ऑक्लटर स्पेसक्राफ्ट है।
आधुनिक तकनीक से लैस है सैटेलाइट
बता दें कि 310किलोग्राम वजनी यह सैटेलाइट सूरज की तरफ मुंह करके खड़ा होगा। यह लेजर और विजुअल बेस्ड टारगेट डिसाइड करने का काम करेगा। इसमें एसोसिएशन ऑफ स्पेसक्राफ्ट फॉर पोलैरीमेट्रिक और इमेंजिंग इन्वेस्टिंगेशन ऑफ कोरोना ऑफ द सन लगा है। साथ ही 3DEES यानी 3डी इनरजेटिक इलेक्ट्रॉन स्पेक्ट्रोमीटर लगाया गया है। यह सूरज के बाहरी और अंदरूनी कोरोना के बीच के गैप की समीक्षा करेगा। साथ ही सूरज के सामने खड़ा होगा। जैसे ग्रहण में चंद्रमा सूरज के सामने खड़ा रहता है।
काले घेरे की स्टडी करेगा प्रोबा-03
वहीं, 240 किलोग्राम वजन वाला यह स्पेसक्राफ्ट कोरोनाग्राफ के पीछे रहेगा। जैसे ग्रहण में सूरज के सामने चंद्रमा और उसके पीछे धरती रहती होता है। इसमें लगा डिजिटल एब्सोल्यूट रेडियोमीटर साइंस एक्सपेरीमेंट इंस्ट्रूमेंट कोरोना से मिलने वाले डेटा को समझने की कोशिश करेगा। ये दोनों सैटेलाइट एकसाथ एक लाइन में 150 मीटर की दूरी पर धरती का चक्कर लगाते हुए सूरज के कोरोना को परखेंगे। ऊपर दिख रही तस्वीर में आपको सूरज के ऊपर एक काला घेरा दिखाई देगा। इसी काले घेरे की स्टडी करेगा प्रोबा-03 मिशन।