Asim Arun On Manmohan Singh: गुरुवार को देर रात देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन हो गया। वो लंबे समय से अस्वस्थ्य थे। देश और दुनिया के कई बड़े चेहरे मनमोहन सिंह की विद्वत्ता और शालीनता के किस्से साझा कर रहे हैं। मनमोहन सिंह की पहचान बेहद शालीन लेकिन सख्त प्रशासक के तौर पर हुई। साथ ही उनके जीवन में कितनी सादगी थी, उससे जुड़ा एक किस्सा योगी सरकार में मंत्री असीम अरुण ने सोशल मीडिया पर साझा किया है। गौरतलब है कि असीम अरुण राजनीति में आने से पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मेन बॉडीगार्ड में शामिल थे। उन्होंने करीब तीन सालों तक तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह के बहुत करीब रहकर काम किया।
मैं 2004 से लगभग तीन साल उनका बॉडी गार्ड रहा। एसपीजी में पीएम की सुरक्षा का सबसे अंदरुनी घेरा होता है – क्लोज़ प्रोटेक्शन टीम जिसका नेतृत्व करने का अवसर मुझे मिला था। एआईजी सीपीटी वो व्यक्ति है जो पीएम से कभी भी दूर नहीं रह सकता। यदि एक ही बॉडी गार्ड रह सकता है तो साथ यह बंदा… pic.twitter.com/468MO2Flxe
— Asim Arun (@asim_arun) December 26, 2024
मारूति 800 पसंद थी मनोहन सिंह को…
10 सालों तक भारत के प्रधानमंत्री रहने वाले मनमोहन सिंह की छवि बेहद सादगी से भरा था। उनसे जुड़ा एक किस्सा योगी सरकार के मंत्री असीम अरुण ने सोशल मीडिया पर साझा की है। असीम अरूण ने मनमोहन सिंह के साथ एक फोटो साझा करते हुए लिखा, मैं 2004 से लगभग तीन साल उनका बॉडी गार्ड रहा। एसपीजी में पीएम की सुरक्षा का सबसे अंदरुनी घेरा होता है – क्लोज़ प्रोटेक्शन टीम जिसका नेतृत्व करने का अवसर मुझे मिला था। एआईजी सीपीटी वो व्यक्ति है जो पीएम से कभी भी दूर नहीं रह सकता। यदि एक ही बॉडी गार्ड रह सकता है तो साथ यह बंदा होगा। ऐसे में उनके साथ उनकी परछाई की तरह साथ रहने की जिम्मेदारी थी मेरी।“
साथ ही उन्होंने आगे लिखा, “डॉ साहब की अपनी एक ही कार थी – मारुति 800, जो पीएम हाउस में चमचमाती काली बीएमडब्ल्यू के पीछे खड़ी रहती थी। मनमोहन सिंह जी बार-बार मुझे कहते- असीम, मुझे इस कार में चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो यह है (मारुति)। मैं समझाता कि सर यह गाड़ी आपके ऐश्वर्य के लिए नहीं है, इसके सिक्योरिटी फीचर्स ऐसे हैं जिसके लिए एसपीजी ने इसे लिया है। लेकिन जब कारकेड मारुति के सामने से निकलता तो वे हमेशा मन भर उसे देखते। जैसे संकल्प दोहरा रहे हो कि मैं मिडिल क्लास व्यक्ति हूं और आम आदमी की चिंता करना मेरा काम है। करोड़ों की गाड़ी पीएम की है, मेरी तो यह मारुति है।“
मनमोहन के कार्यकाल में अमेरिका से हुई न्यूक्लियर डील
आर्थिक क्षेत्र के इन बड़े कदमों के अलावा मनमोहन सिंह के कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धियों में मार्च 2006 में अमेरिका से हुई न्यूक्लियर डील सबसे प्रमुख है। इस समझौते के तहत, भारत को परमाणु आपूर्तिकर्त्ता समूह (NSG) से छूट मिली। इसके तहत भारत को अपने नागरिक और सैन्य परमाणु कार्यक्रमों को अलग करने की अनुमति मिली। इस डील के तहत भारत को उन देशों से यूरेनियम आयात करने की अनुमति मिली, जिनके पास ये तकनीक है।