Rupee Records Fall Against Dollar: भारतीय रुपया 27दिसंबर, गुरुवार को डॉलर के मुकाबले 85.65तक गिर गया। यह अब तक का सबसे निचला स्तर है। इस गिरावट का कारण अमेरिकी डॉलर की मजबूत डिमांड, नॉन-डिलिवरेबल फॉरवर्ड्स (NDF) में बढ़ती गतिविधियां और अन्य कारण हैं। यह गिरावट लगातार नौवे दिन देखी गई है।
बता दें कि,रुपया अब 85.50के स्तर से भी नीचे गिर चुका है। इस गिरावट के कारण दिसंबर महीने के करेंसी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी और इम्पोर्ट्स के बढ़ने की संभावना भी है। फॉरेक्स ट्रेडर्स का कहना है कि इस महीने के अंत तक इम्पोर्ट्स बढ़ सकते हैं, जिससे रुपये पर और दबाव पड़ेगा।
वैश्विक स्थिति का असर
रुपये में गिरावट का एक बड़ा कारण नवंबर में भारत का बढ़ा हुआ व्यापार घाटा है। नवंबर में यह घाटा 37.8अरब डॉलर तक पहुंच गया था। वैश्विक मांग में कमी और इम्पोर्ट्स में बढ़ोतरी से रुपये की कमजोरी बढ़ी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार या केंद्रीय बैंक भी दखल देते हैं, तो रुपये की गिरावट की रफ्तार कम नहीं हो पाएगी।
दूसरे देशों के मुकाबले रुपये की स्थिति
हालांकि, इस गिरावट के बावजूद भारतीय रुपया अन्य उभरते बाजारों की करेंसी के मुकाबले बेहतर स्थिति में है। कारोबारी साल 2025तक रुपया डॉलर के मुकाबले ज्यादा गिरा नहीं है। G20देशों की करेंसी के मुकाबले भी भारतीय रुपया में कम उतार-चढ़ाव देखा गया है।
भारत के वित्त मंत्रालय ने हाल ही में अपनी मासिक रिपोर्ट में वैश्विक विकास को लेकर अनिश्चितता जताई है। रिपोर्ट में 2025में वैश्विक वृद्धि को लेकर जोखिम की बात की गई है। इसके अलावा, अमेरिका में टैरिफ बढ़ने का भी खतरा बताया गया है।