Mamta Kulkarni Controversy: फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी के अध्यात्म की राह पकड़ने पर सनातन धर्मगुरुओं में नाराजगी व्याप्त है। वह धर्म-परंपरा की अनदेखी करके उन्हें महामंडलेश्वर बनाने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं, किन्नर अखाड़ा का कहना है कि सारी प्रक्रिया का पालन करने के बाद ममता महामंडलेश्वर बनी हैं। ममता ने शुक्रवार को किन्नर अखाड़ा में संन्यास लिया। अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उनका पट्टाभिषेक करके महामंडलेश्वर बनाकर नया नाम श्रीयामाई ममतानंद गिरि दिया। इसके बाद विवाद शुरू हो गया।
ममता पर अंडरवर्ल्ड से संबंध होने का आरोप
शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा- ममता कुलकर्णी पर अंडरवर्ल्ड से संबंध होने का आरोप है। वह उससे बरी हुईं या नहीं? मैं नहीं जानता, लेकिन उनका महामंडलेश्वर बनना अनुचित है। किन्नर अखाड़ा फर्जी विश्वविद्यालय है जो अवैध डिग्रियां बांट रहा है। लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को संन्यास देने का अधिकार नहीं है। इससे हमारी भावनाएं आहत हैं।
प्रथम किन्नर कथावाचक जगदगुरु हिमांगी सखी ने कहा कि किन्नर अखाड़ा तो किन्नर समाज के लिए बना था। अब उसमें महिला को स्थान दे दिया। अगर आपको किन्नरों के अलावा महिलाओं को महामंडलेश्वर बनाना है तो उसका नाम बदलकर दूसरा रख लीजिए। बिना शिक्षा दिए, दीक्षा दे दी। मुंडन नहीं कराया, चोटी काटकर महामंडलेश्वर बना दिया जो अनुचित है। जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि ने कहा कि ममता कुलकर्णी के निर्णय का स्वागत करना चाहिए। संन्यास लेकर उन्होंने अच्छा कार्य किया है।