Waqf Bill Final Draft: वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार करने के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने गुरुवार को फाइनल रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंप दी। करीब 6 महीने तक कई बिंदुओं पर चर्चा के बाद 655 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की थी। इस समिति में पक्ष और विपक्ष के सासंदों को जगह दी गई थी। संशोधित विधेयक के हर बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करने के बाद ही यह रिपोर्ट तैयार की गई है। हालांकि, विपक्ष इस रिपोर्ट से सहमत नहीं है। विपक्ष ने JPC अध्यक्ष पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है। साथ ही विपक्षी सांसदों का कहना है कि उनकी बातों को नहीं सुना गया। इन सब के बावजूद माना जा रहा है कि बजट सत्र में इस विधेयक को संसद के पटल पेश किया जा सकता है।
इतने मतों से पास हुआ विधेयक
गौरतलब है कि 8 अगस्त 2024 को वक्फ संशोधन विधेयक पर JPC बनाई गई थी। उसके बाद इस समिति ने करीब हर राज्यों के वक्फ बोर्ड से इस संबंध में चर्चा की। साथ ही अलग-अलग मुस्लिम संगठनों से भी राय लिया गया। संशोधित विधेयक के कई बिंदुओं पर कई लोगों ने आपत्ति भी जताई। वहीं, कई ऐसे लोग भी सामने आए जिन्होंने इस विधेयक को ही असंवैधानिक बताया। हालांकि, तमाम असहमति के बाद भी JPC अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने रिपोर्ट को मंजूरी दे दी। इस रिपोर्ट के पक्ष में 15 मत मिले और विपक्ष में 11 मत। बता दें, बीते सोमवार को समिति के अंतिम बैठक के दौरान भाजपा सांसदों के सभी सुझाव को मान लिया गया था। वहीं विपक्ष के सभी संशोधनों को वोटिंग के आधार पर नकार दिया गया।
विपक्ष ने उठाए सवाल
हालांकि, इस रिपोर्ट से विपक्षी सांसद खासा खुश नहीं दिख रहे हैं। समिति में शामिल विपक्षी सांसदों ने वक्फ (संशोधन) विधेयक के सभी 44 प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने दावा किया था कि समिति की ओर से प्रस्तावित कानून विधेयक के ‘दमनकारी’ चरित्र को बरकरार रखेगा और मुस्लिमों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने का प्रयास करेगा।