Muslim Law Board Against New Waqf Bill: संसद के दोनों सदनों में वक्फ बिल पर बनी JPC रिपोर्ट पेश हो गई। इस दौरान विपक्ष ने रिपोर्ट को असंवैधानिक बताकर जमकर बवाल काटा। विपक्षी नेताओं ने वक्फ बिल को वापस लेने की मांग की। लेकिन तमाम विरोध के बाद भी सरकार ने अपना रुख नहीं बदला। इस बीच AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का बड़ा बयान सामने आया है। पर्सनल लॉ बोर्ड ने कड़े शब्दों में वक्फ बिल का विरोध किया। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में अपनी जायदाद पर जितना हक सिखों और हिंदुओं का है, उतना ही मुस्लिमों का भी है। इसके साथ ही ओवैसी ने कहा कि ये वक्फ बिल मुसलमानों को बर्बाद करने के लिए लाया जा रहा है। ये असंवैधानिक है, मुसलमानों को अपनी वर्शिप से दूर करने के लिए सरकार ये बिल ला रही है।
पर्सनल लॉ बोर्ड का जताई आपत्ति
पर्सनल बोर्ड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया, जिसमें कहा, “भारत की संपत्ति पर जितना अधिकारी एक हिंदू का है, जितना अधिकार सिखों का है, उतना ही अधिकार मुस्लिमों का भी है। पर्सनल लॉ बोर्ड की खालिद सैफुल्लाह ने उस बात को खारिज कर दिया, जिसमें कहा जा रहा है कि एक दिन पूरा देश वक्फ हो जाएगा।“ उन्होंने कहा- यह झूठ केवल सरकार की ओर से फैलाई जा रही है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनकी लड़ाई सरकार से है। हर धर्म के अपने तौर-तरीके हैं, वैसे में एक समान कानून कैसे थोपा जा सकता है।” इसके साथ ही पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा, “हम वक्फ (संशोधन) विधेयक की मुखालफत करते हैं। हम चाहते हैं कि वक्फ विधेयक में संशोधन न किया जाए। विपक्ष के सांसदों ने भी अपनी आपत्तियां रखी थी। लेकिन उन्होंने रिपोर्ट में नहीं रखा गया।”
“हिंदू भी स्वतंत्र हैं”
खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा, इस देश में संविधान के मुताबिक सिख अपनी जायदाद चलाते हैं। इसी तरह हिंदू भी स्वतंत्र हैं। हमें इस पर कोई एतराज नहीं है, लेकिन जितना हक हिंदुओं और सिखों का है, उतना ही हक मुसलमानों का है।लेकिन नए कानून के मुताबिक, दो गैर मुसलमानों को वक्फ बोर्ड में रखा जाएगा और इसमें सरकार की ओर से जो अधिकारी होगा, वो मुस्लिम हो ये भी जरूरी नहीं है।