Modi Gov On USAID Controversy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दवारा USAID के तहत भारत में मोदी सरकार गिराने के दावे के बाद हलचल मच गई है। इस मामले में विदेश मंत्रालय के सचिव रणधीर जायसवाल की प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने ट्रंप के बयान पर चिंता जाहिर की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने अमेरिकी प्रशासन द्वारा कुछ USA गतिविधियों और फंडिंग के बारे में दी गई जानकारी देखी है। ये स्पष्ट रूप से बहुत ही परेशान करने वाली हैं। इससे भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप के बारे में चिंताएं पैदा हुई हैं। संबंधित विभाग और एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं। इस समय सार्वजनिक टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी, इसलिए संबंधित अधिकारी इस पर विचार कर रहे हैं।”
इसके साथ ही रणधीर जायसवाल ने कहा कि सरकार इस मामले की सक्रियता से जांच कर रही है। संबंधित विभाग और एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं। इस समय सार्वजनिक टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी, इसलिए संबंधित अधिकारी इस पर विचार कर रहे हैं और उम्मीद है कि हम बाद में इस पर कोई अपडेट दे पाएंगे।” गौरतलब है कि ट्रंप ने पिछले दिनों यह दावा किया था कि बाइडन प्रशासन ने वोट टर्न आउट को लेकर 21 मिलियन डॉलर का फंड आवंटित किया था।
भाजपा पर हमलावर हुई कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने USAID मामले पर बोलते हुए पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “मोदी सरकार के मंत्री लगातार USAID के अधिकारियों से मुलाकात करते हैं। 2024 में पीयूष गोयल 2030 तक ‘जीरो कार्बन उत्सर्जन’ के लिए USAID से पैसे लेते हैं। 10 नवंबर 2022 को देवेंद्र फडणवीस USAID से आपसी सहयोग की चर्चा करते हैं। 2016 में नोटबंदी से ठीक पहले नरेंद्र मोदी USAID से कैशलेस इकोनॉमी पर समझौता करते थे। तो क्या ये नोटबंदी अमेरिका के कहने पर हुई? कोविड में नरेंद्र मोदी जी ने USAID से $100 मिलियन लिया, तो क्या नरेंद्र मोदी भी उनके हाथों में खेल रहे हैं? BJP को बोलने से पहले सोच लेना चाहिए और संघ का इतिहास देख लेना चाहिए।“
भाजपा ने दिया जवाब
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, “अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बयान दिया कि USAID की फंडिंग का इस्तेमाल भारत की चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के लिए किया जा रहा था। लोकसभा चुनाव से पहले भी पीएम श्री नरेन्द्र मोदी, कई पत्रकारों व संगठनों ने इस बात का उठाया कि विदेशी शक्तियां भारत की चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करती हैं ताकि देश के लोकप्रिय नेता श्री नरेन्द्र मोदी जी को हटाया जा सके।“ साथ ही उन्होंने कहा, “यह परेशान करने वाली बात है कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी, जिन्होंने संविधान के तहत हमारे देश की अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने की शपथ ली है, भारत विरोधी गतिविधियों में भाग ले रहे हैं। वे हमारे देश की स्वच्छ और निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के लिए भारत विरोधी ताकतों को बढ़ावा दे रहे हैं।“