Ramadan 2025 Dates: इस्लाम मजहब में रमजान का महीना सबसे पवित्र माना जाता है। इस्लाम को मानने वाले लोगों को इस त्यौहार का इंतजार रहता है। 30 दिनों तक मुसलमान रोजा रखते हैं, जिसमें उन्हें हर रोज भूखा-प्यासा रहना पड़ता है। उन्हें एक तय समय में खाना और पानी ग्रहण करने की इजाजत रहती है। हालांकि, रमजान ना सिर्फ भूखा-प्यासा रहने का महीना है बल्कि रमजान रूह यानी आत्मा को पाक करने और अल्लाह के करीब जाने का भी महीना माना जाता है। यही कारण है कि हर उम्र के लोग रमजान के दौरान अल्लाह की इबादत करते हैं। जब कोई गंभीर मेडिकल दिक्कतें है तभी लोग रोजा नहीं रखते हैं। साथ ही इसी महीने के अंत में ईद मनाई जाती है। ऐसे में चलिए जानते हैं इस साल रोजा कव से शुरु हो रहा है।
रोजा कब से शुरु हो रहा है?
रमजान मुसलमानों के लिए गुनाह माफी का माह है। इस पूरे महीने इबादत के जरिए दुनियाभर के मुस्लिम अपने गुनाहों के लिए अल्लाह से माफी मांगे हैं। रमजान की तारीखों को लेकर हर साल की तरह अभी तक असंमजस दिख रही है। रोजा शुरु होने की पूरी प्रक्रिया चांद पर निर्भर करती है। अगर भारत में 28 फरवरी को चांद निकलेगा तो 1 मार्च को पहले रोजा होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो 2 मार्च से रमजान शुरु हो जाएगी। हालांकि, अधिकत्तर विद्वानों की माने तो पहला रोजा 2 मार्च को ही पड़ेगी।
रोजा कैसे रखा जाता है?
रमजान में मुस्लिम लोग रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं। रोजा के समय सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक कुछ भी नहीं खाया पिया जाता। सुबह सहरी के साथ रोजे की शुरुआत की जाती है। सहरी सूर्योदय से पहले किए जाने वाले भोजन को कहते हैं। वहीं जब शाम में रोजा खोला जाता है तो उसे इफ्तारी कहते हैं। रमजान में रोजा रखने के अलावा पांच वक्त की नमाज अदा की जाती है। इसके अलावा इस महीने में जकात देना भी जरूरी माना जाता है।
खजूर से क्यों खोला जाता है रोजा?
इस्लाम में खजूर को सुन्नत माना गया है। इस्लाम के अंदर मान्यता है कि पैगंबर हजरत मोहम्मद को खजूर काफी पसंद था, वो भी रोजा खजूर से ही तोड़ते थे। जिसके बाद ये धीरे-धीरे परंपरा बन गई। अब दुनियाभर के मुस्लिम खजूर से ही अपना रोजा खोलते हैं। साथ ही खजूर में कई तरह के पोषक तत्व भी पाए जाते हैं,जिससे रोजा रखने में काफी मदद मिलती है।