Waqf Bill: वक्फ संशोधन बिल पर मचे घमासान के बीच बड़ी खबर सामने आई है। केंद्र सरकार बुधवार, दो अप्रैल को दोपहर 12 बजे सदन में वक्फ संशोधन बिल को पेश करेगी। वक्फ संशोधन बिल को सदन में पेश करने के संबंध में बिजनेस एडवाइजरी कमेटी ने अंतिम मुहर भी लगा दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अहम ये है कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक के दौरान विपक्षी दलों के सदस्य भी शामिल थे लेकिन उन्होंने सरकार के रुख पर नाराजगी जताते हुए बैठक से वॉकआउट किया। जानकारी दी गई कि इस बिल पर छह से आठ घंटे तक चर्चा होगी। वक्फ संशोधन बिल को सदन में पेश करने से पहले विपक्षी राजनीतिक दलों ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार विपक्ष से जुड़े मुद्दों को गंभीरता से नहीं ले रही है।
विपक्षी दलों ने लगाया ये आरोप
विपक्षी राजनीतिक दलों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने हमारे किसी भी मुद्दे पर चर्चा तक नहीं की। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, ‘ विपक्षी नेता बिजनेस एडवाइजरी कमेटी से इसलिए बाहर निकल आए क्योंकि सरकार हर तरीके से अपने एजेंडो को थोपने पर उतारू है और विपक्ष की बात को कोई भी अहमियत नहीं दी जा रही है।’
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा, ‘यूं तो बिल पर छह से आठ घंटे तक चर्चा का वक्त निर्धारित किया गया है लेकिन जरुरत महसूस होने पर चर्चा के समय को बढ़ाया जा सकेगा। केंद्र सरकार ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है, हम चाहते हैं कि सभी दल इस बिल पर व्यापक रूप से चर्चा करें।’ माना जा रहा है कि इस बिल को सदन में पेश करने के दौरान जोरदार हंगामा देखने को मिल सकता है। इस बीच बीजेपी ने भी अपने सांसदों को व्हिप जारी कर दिया है।
जेडीयू की राय बंटी
विपक्षी दलों ने संसद भवन में शाम छह बजे एक अहम बैठक बुलाई है जिसमें वक्फ बिल को लेकर रणनीति पर चर्चा की जाएगी। इस बीच वक्फ बिल पर जेडीयू की राय बंटी हुई नजर आ रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी और और एमएलसी गुलाम गौस ने वक्फ बिल का विरोध किया है। गुलाम गौस ने कहा कि वक्फ बिल सही नहीं है और किसान बिल की तरह इसे भी वापस लिया जाए।