Waqf Bill: वक्फ संशोधन बिल 2025 को लेकर देशभर में मचे सियासी संग्राम के बीच सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर पहली याचिका दाखिल की गई है। शुक्रवार, चार अप्रैल को कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने इस एक्ट के खिलाफ पहली याचिका दाखिल की। बता दें कि लोकसभा के बाद अब ये बिल राज्यसभा से भी पारित हो चुका है।
क्या दी दलील?
कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने वक्फ संशोधन बिल 2025 को मौलिक अधिकारों और धार्मिक अधिकारों के खिलाफ बताया है। कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने कहा, ‘वक्फ संशोधन बिल 2025 मुसलमानों से भेदभाव करने वाला है। केंद्र सरकार द्वारा लाया गया ये कानून संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता के अधिकार), 25 (धर्म का आचरण करने की स्वतंत्रता), 26 (धार्मिक मामलों के प्रबंधन की स्वतंत्रता), 29 (अल्पसंख्यकों के अधिकार) और 300A (संपत्ति के अधिकार) का उल्लंघन करने वाला है।’
कांग्रेस नेता मोहम्मद जावेद ने कहा, ‘जब हिंदू और सिख ट्रस्ट को स्व-नियमन की छूट मिली है तो वक्फ एक्ट, 1995 में संशोधन करना, वक्फ के मामलों में राज्यों के हस्तक्षेप को असंगत तरीके से बढ़ा देता है। केंद्र द्वारा इस तरह का भेदभाव किया जाना संविधान के आर्टिकल 14 का भी उल्लंघन है।’ मोहम्मद जावेद ने इस बिल के उस प्रावधान पर भी आपत्ति जताई है जिसमें कहा गया है कि वो लोग ही वक्फ को अपनी संपत्ति सौंप सकते हैं जिन्हें इस्लाम का पालन करते हुए पांच साल या उससे अधिक का समय हो गया है। मोहम्मद जावेद बोले, ‘केंद्र का ये फैसला उन लोगों के भी खिलाफ है जिन्होंने हाल ही में इस्लाम अपनाया है और वो अपनी संपत्ति वक्फ को सौंपना चाहते हैं।’ मोहम्मद जावेद को कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा में व्हिप बनाया हुआ है और वो वक्फ बिल के लिए बनी JPC यानी कि जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी का भी हिस्सा थे। इससे पहले जेडीयू के मुस्लिम नेता कासिम अंसारी और मोहम्मद गौस ने भी इस बिल का विरोध किया था।