Bollywood: भारतीय संगीत जगत के इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन दर्ज हो गया जब जावेद अख्तर, शंकर महादेवन, सोनू निगम, समीर अंजान, प्रसून जोशी ,सलीम मर्चेंट ,अरुणा साईराम ,हरिहरन ,आनंद – मिलिंद , मनन शाह , राजू सिंह और संगीत क्षेत्र की 30 से अधिक जानी-मानी हस्तियों की उपस्थिति में “गुनगुनालो” नामक भारत का पहला आर्टिस्ट-ओन कल्चरल ऐप लॉन्च किया गया। यह भव्य कार्यक्रम मुंबई के जियो वर्ल्ड, बीकेसी, बांद्रा के स्टूडियो थिएटर में आयोजित किया गया।
गुनगुनालो एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म है जिसे कलाकारों ने खुद के लिए और अपने जैसे कलाकारों के लिए बनाया है। यह ऐप न सिर्फ संगीत को समर्पित है, बल्कि कविता, कहानी और अन्य रचनात्मक अभिव्यक्तियों को भी स्थान देता है। इस पर ओरिजिनल कंटेंट, अनरिलीज़ क्लासिक, मार्गदर्शन सत्र, मास्टर क्लास, जैम सेशन, ओपन माइक और फैंस के साथ डायरेक्ट कनेक्शन जैसे फीचर्स होंगे।
गुनगुनालो के संस्थापक सदस्यों में जावेद अख्तर, शंकर महादेवन, सोनू निगम, श्रेया घोषाल, अरिजीत सिंह, प्रसून जोशी, समीर अंजान, विशाल ददलानी, अमित त्रिवेदी और अन्य प्रमुख नाम शामिल हैं। टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ श्रीधर रंगनाथन द्वारा यह ऐप डेवलप किया गया है और इसके सीईओ की भूमिका में हैं शरली सिंह।
गुनगुनालो को लेकर क्या बोले दिग्गज:
जावेद अख्तर:
“5 मई 2025 एक ऐतिहासिक दिन है। गुनगुनालो कलाकारों को अपनी मर्जी से रचना करने की आजादी देता है। यहां किसी निर्माता या म्यूजिक कंपनी की शर्तें नहीं होंगी, बल्कि कलाकार अपनी आत्मा से संगीत रच सकेंगे। यह दुनिया भर में पहली तरह की चीज है. ऐसा पहले कहीं नहीं हुआ है. म्युजिशियन, गीतकार और गायक मिलकर एक कंपनी शुरू करें उसमे वे शेयर होल्डर हों, ऐसा ऐप है गुनगुनालो. इसमे पूरी रचनात्मक आजादी के साथ कलाकार गीत क्रिएट करेंगे और कोई कमेटी उनके काम को चेक नहीं करेगी. एक प्लेटफॉर्म पर इतने सारे आर्टिस्ट हैं लेकिन वे एक दूसरे के काम में दखलंदाजी नहीं करेंगे. इसके जो मेंबर्स हैं वे नई प्रतिभाओं को भी परिचित कराएंगे. नए गायकों, गीतकारों और कंपोज़र को भी एक्सपोजर मिलेगा.”
शंकर महादेवन:
“गुनगुनालो प्लेटफॉर्म आर्टिस्ट के लिए और आर्टिस्ट द्वारा बनाया गया है। यह संगीत का अगला अध्याय लिखने का मंच है। आज हम सब आर्टिस्ट के लिए बहुत महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक दिन है. तमाम आर्टिस्ट का जो सपना रहा है, वो इस प्लेटफार्म के माध्यम से पूरा होने जा रहा है. हर सफल और पॉपुलर आर्टिस्ट के मन में भी कुछ अलग करने की ललक होती है जो गुनगुनालो के जरिए पूरी होगी.”
सोनू निगम:
“90 के दशक में जब मैं मुंबई आया था, तब भी हम कुछ अलग करना चाहते थे। अब गुनगुनालो उस क्रिएटिव फ्रीडम का मंच है जिसकी हमें तलाश थी।”
समीर अंजान:
“म्युज़िक क्षेत्र के लोगों के लिए इससे बेहतर कोई दिन नहीं हो सकता.वर्षो के सपने और बहुत कोशिशों के बाद यह ऐप लॉन्च हुआ है. चाहे वे लोकगीत गाने वाले सिंगर हों या क्लासिकल गाने वाले, हर कलाकार के लिए इससे बेहतर प्लेटफार्म नहीं मिल सकता. क्रिएटर को यहां संपूर्ण आजादी दी जाती है कि वे जो करना चाहते हैं उसे कर सकते हैं. गीतकार कंपोज़र को शिकायत थी कि वे फ़िल्मों के लिए निर्माता निर्देशक और सिचुएशन के अनुसार काम करते हैं मगर गुनगुनालो उन्हें रचनात्मक स्वतंत्रता देता है. यह इतिहास के पन्नों पर दर्ज होने वाली शुरुआत है.”
प्रसून जोशी:
“लोगों को लगता है कि आर्टिस्ट के पास माईक है, मंच है, तो उन्हें कहने के लिए और किस चीज़ की जरूरत है. मगर जो लेखक, संगीतकार होते हैं उन्हें एहसास होता है कि वे अपनी बात नहीं कह रहे हैं बल्कि किसी और की बात कह रहे हैं. यह एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां वो अपने मन की बात कह सकते हैं. फ़िल्मों के लिए काम करते हुए यदि उन्हें लग रहा था कि उनके पंख उड़ते समय किसी इमारत से टकरा रहे थे तो अब इस ऐप के रूप में उनके पास उड़ान के लिए खुला आसमान है. शास्त्रीय गायक बंदिशों को गाते हैं जबकि फ़िल्मों के लिए हमें बंदिशों में काम करना पड़ता है पर अब इस ऐप के आने से वो बंदिशें कलाकारों पर से हट जाएगी. गुनगुनालो हमें बिना किसी बंधन को सोचने और रचने की स्वतंत्रता देता है। सुनने वालों का भी हक है कि उन्हें कलाकारों के दिल की आवाज सुनने को मिले.”
श्रीधर रंगनाथन (संस्थापक सदस्य): पिछले 4 साल से हम लोग इस ऐप पर काम कर रहे हैं. सभी आर्टिस्ट को एक साथ लाना काफी चुनौतियों भरा काम रहा मगर वर्षों की मेहनत के बाद अब यह प्लेटफार्म तैयार है जिस पर हर उम्र के श्रोताओं और दर्शकों के लिए ओरिजिनल कंटेंट है. www.goongoonalo.com पर जाकर कोई भी कलाकार या प्रशंसक रजिस्टर कर इस रचनात्मक परिवार का हिस्सा बन सकता है।”
शरली सिंह (सीईओ):
“अगर आप सपने देखने वाले हैं, तो गुनगुनालो वह जगह है जहां आपको होना चाहिए। यह गणित बदलने वाला प्लेटफार्म है. आम तौर पर जब किसी आर्टिस्ट का कोई गीत रिलीज होता है तो उसका अधिकार मेकर्स या म्युज़िक लेबल के पास होता है मगर यहां खुद आर्टिस्ट अपने गाने का मालिक होता है क्योंकि यह कंपनी उसकी भी है तो जो भी रेवेन्यू आता है वह उसका भागीदार बनता है.”
हरिहरन:
“यह मंच दूसरे प्लेटफॉर्म से इसलिए अलग है क्योंकि आर्टिस्ट इस कंपनी के मालिक स्वयं हैं. मुझे उम्मीद है कि कुछ बेहतरीन म्युज़िक प्रोड्यूस किया जाएगा, जो श्रोता गुनगुनालो पर सुन सकेंगे.”
सलीम मर्चेंट:
ये कला, संगीत के लिए बहुत बड़ा मौका है. हम सब किसी और के बताए हुए कहानी पर लिखने, कंपोज करने के आदी हो चुके हैं मगर यह ऐसा ऐप है जहां आप जो महसूस करते हैं, जो सोचते हैं, उसे जाहिर कर सकते हैं. हमारे यहां फिल्म म्युज़िक को हीरो समझा जाता है हालांकि पिछले कुछ सालों में इंडिपेंडेंट म्युज़िक ने श्रोताओं को खूब लुभाया है. हमारी कम्युनिटी बहुत सारे लोगों को प्रेरित करेगी.
यह ऐप मास्टर क्लास, बिहाइंड द सीन कंटेंट जैसे अनोखे फीचर्स से भरा है।”