अमेरिका। अमेरिका के इंस्टीट्यूट ऑफ पीस को अपना मुख्यालय वापस मिल गया है। दरअसल सरकार की लागत कम करने के उद्देश्य से एलन मस्क के नेतृत्व वाले सरकारी दक्षता विभाग ने इंस्टीट्यूट ऑफ पीस के बोर्ड और कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था और संस्थान के कामकाज पर कब्जा कर लिया था। सरकारी दक्षता विभाग के इस फैसले के खिलाफ इंस्टीट्यूट ऑफ पीस के बोर्ड सदस्यों ने अदालत का रुख किया। जहां संघीय जज ने सरकारी दक्षता विभाग द्वारा इंस्टीट्यूट ऑफ पीस के कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के फैसले को अवैध बता दिया और मुख्यालय का कब्जा फिर से संस्थान को बोर्ड सदस्यों को सौंपने का फैसला सुनाया।
बुधवार को मुख्यालय पहुंचे कार्यकारी अध्यक्ष
इसके बाद संस्थान को इसका मुख्यालय वापस मिल गया। बुधवार को इंस्टीट्यूट ऑफ पीस के कार्यकारी अध्यक्ष जॉर्ज मूस ने एक बार फिर से मुख्यालय में प्रवेश किया। सरकारी दक्षता विभाग द्वारा इस मुख्यालय को अपने कब्जे में लेने के बाद यह पहली बार था कि मूस मुख्यालय में दाखिल हुए। मार्च में मस्क के नेतृत्व वाले सरकारी दक्षता विभाग ने मूस समेत बोर्ड सदस्यों और कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था।
इसके बाद संस्थान को इसका मुख्यालय वापस मिल गया। बुधवार को इंस्टीट्यूट ऑफ पीस के कार्यकारी अध्यक्ष जॉर्ज मूस ने एक बार फिर से मुख्यालय में प्रवेश किया। सरकारी दक्षता विभाग द्वारा इस मुख्यालय को अपने कब्जे में लेने के बाद यह पहली बार था कि मूस मुख्यालय में दाखिल हुए। मार्च में मस्क के नेतृत्व वाले सरकारी दक्षता विभाग ने मूस समेत बोर्ड सदस्यों और कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था।
क्या काम करता है इंस्टीट्यूट ऑफ पीस
इंस्टीट्यूट ऑफ पीस का मुख्यालय वॉशिंगटन डीसी में स्थित है, जिसमें संस्थान के कार्यालय और कर्मचारियों के घर हैं। इंस्टीट्यूट ऑफ पीस की फंडिंग अमेरिकी सरकार करती है और यह एक थिंक टैंक है, जो दुनियाभर में होने वाले संघर्षों को रोकने और शांति स्थापित करने की दिशा में काम करता है। इसके मौजूदा कार्यकारी अध्यक्ष जॉर्ज मूस एक पूर्व राजनयिक हैं। जॉर्ज मूस के साथ ही कई कर्मचारियों की एक टीम भी बुधवार को मुख्यालय पहुंची और जल्द ही कई अन्य कर्मचारियों को भी वापस बुलाने की योजना है। वहीं ट्रंप प्रशासन ने अदालत के फैसले की निंदा की और कहा कि वे इसके खिलाफ अपील दायर करेंगे।
इंस्टीट्यूट ऑफ पीस का मुख्यालय वॉशिंगटन डीसी में स्थित है, जिसमें संस्थान के कार्यालय और कर्मचारियों के घर हैं। इंस्टीट्यूट ऑफ पीस की फंडिंग अमेरिकी सरकार करती है और यह एक थिंक टैंक है, जो दुनियाभर में होने वाले संघर्षों को रोकने और शांति स्थापित करने की दिशा में काम करता है। इसके मौजूदा कार्यकारी अध्यक्ष जॉर्ज मूस एक पूर्व राजनयिक हैं। जॉर्ज मूस के साथ ही कई कर्मचारियों की एक टीम भी बुधवार को मुख्यालय पहुंची और जल्द ही कई अन्य कर्मचारियों को भी वापस बुलाने की योजना है। वहीं ट्रंप प्रशासन ने अदालत के फैसले की निंदा की और कहा कि वे इसके खिलाफ अपील दायर करेंगे।