हरियाणा। हरियाणा में बिजली की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है लेकिन उसके मुताबिक बिजली निगमों में व्यवस्था संभालने के लिए कर्मचारी पर्याप्त नहीं हैं। दोनों बिजली निगमों में लगभग 50 फीसदी पद खाली पड़े हैं। उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम में कुल 40,294 पद स्वीकृत हैं लेकिन इनमें से 21,575 पद ही भरे गए हैं। दोनों निगमों में अभी 18,769 पद खाली पड़े हैं। हालत यह कि राज्य में बिजली वितरण व्यवस्था लगभग आधी मैनपावर के सहारे चल रही है।
प्रदेश में अब तक 81,92,187 बिजली कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं। इनमें 64,21,708 कनेक्शन (78.39%) घरेलू उपभोक्ताओं के नाम पर हैं। वहीं, 8,95,551 गैर-घरेलू, 1,09,686 औद्योगिक और 7,03,590 कृषि उपभोक्ता हैं। राज्य का कुल कनेक्टेड लोड अब 3,93,97,520 किलोवाट तक पहुंच चुका है जिसमें घरेलू उपभोक्ताओं का हिस्सा 1.24 करोड़ किलोवाट (31.63%), औद्योगिक उपभोक्ताओं का 1.13 करोड़ किलोवाट (करीब 29%) और कृषि उपभोक्ताओं का 84.14 लाख किलोवाट (21.36%) है।
यूनिट खपत में उछाल लेकिन फील्ड स्टाफ की कमी बनी बाधा
वर्ष 2024–25 के दौरान अब तक 60,981 मिलियन यूनिट (एमयू) बिजली की बिलिंग की जा चुकी है। इसमें सबसे अधिक खपत घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा 18,213 एमयू (29.87%), फिर औद्योगिक उपभोक्ताओं द्वारा 22,446 एमयू और कृषि उपभोक्ताओं द्वारा 10,581 एमयू रही है। जहां एक ओर उपभोक्ताओं और खपत में निरंतर वृद्धि हो रही है, वहीं दूसरी ओर फील्ड स्तर पर कार्यरत कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ रही है। फील्ड तकनीशियन, लाइनमैन, मीटरिंग वर्कर्स और मेंटेनेंस स्टाफ या तो सीमित हैं या अनुबंध आधारित हैं जिससे सेवाएं समय पर नहीं मिल पातीं और तकनीकी खामियां बनी रहती हैं।
बिजली की समस्या से दूर करने को लेकर सरकार प्रतिबद्ध- विज
प्रदेशवासियों को बिजली की समस्या से दूर करने को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है। इस दिशा में कई अहम फैसले लागू किए गए हैं। वहीं, विभाग में मैनपॉवर की कमी का ब्यौरा मांगा गया है, उसी आधार पर कदम भी उठाए जाएंगे।