ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा में दहेज हत्या का शिकार हुई निक्की का पांच साल का बेटा अब नाना के घर आ गया है। उसका कहना है कि पिता ने मां पर कुछ डालकर थप्पड़ मारा फिर लाइटर से आग लगा दी। पिता ने उसे भी थप्पड़ मारकर नीचे भेज दिया। रविवार को उसकी निगाह भीड़ के बीच मां को तलाश रही थी लेकिन भीड़ से केवल सहानुभूति मिल रही थी। वहीं, बड़ी बहन कंचन को दर्द है कि वह उसी घर में थी लेकिन बहन को बचा नहीं सकी।
बचपन से हर कदम पर साथ देने वाले पिता भी टूट चुके हैं। रोते-रोते उन्होंने कहा कि दोषियों पर कार्रवाई के लिए हर हद पार करने को तैयार हैं। इधर, कंचन निक्की की जेठानी है। घटना के समय वह घर पर थी लेकिन बीमार होने के कारण आराम कर रही थी।
‘बचाओ-बचाओ की आवाज सुनकर बाहर आई’
कंचन का आरोप है कि उसके हाथ में ड्रिप लगी थी। बचाओ-बचाओ की आवाज सुनकर बाहर आई तो निक्की के शरीर में आग लगी थी। वह नीचे की तरफ भाग रही थी। निक्की पति और सास से जिंदगी की भीख मांग रही थी।
इस दौरान कंचन ने एक हाथ से वीडियो बनाई और दूसरे हाथ से आग बुझाने लगी। आग की लपटों के बीच घिरी निक्की मदद के लिए सीढ़ियां उतरते हुए घर से बाहर पहुंची। इस मंजर को देख पड़ोसी भी सहम गए।
शराब पीकर आए दिन लड़ता था आरोपी
आरोप है कि विपिन शराब का आदी था। इससे ही घर में झगड़े बढ़ गए थे। वह कुछ करता भी नहीं था। मृतका की बहन कंचन ने बताया कि आग लगाने से कुछ देर पहले झगड़ा हुआ था। इसकी उसने वीडियो बनाई थी। बीच-बचाव करने पर उसके साथ भी मारपीट की गई। इसके बाद निक्की अपने कमरे में ऊपर चली गई थी। बीमार होने की वजह से कंचन ने डॉक्टर बुलाकर हाथ में ड्रिप लगवाई हुई थी।
सोशल मीडिया पर पूरे दिन छाया रहा मुद्दा
हत्या का मामला रविवार को पूरे दिन सोशल मीडिया पर छाया रहा। ग्रेटर नोएडा हैशटैग पर पूरे दिन ट्रेंड करता रहा। लोगों ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। साथ ही, मामले में जल्द चार्जशीट दाखिल कर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने की मांग की। पूरे दिन एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर लोगों ने पोस्ट कर पीड़िता के हक में आवाज उठाई। साथ ही, दहेज हत्या के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। दहेज हत्या का समाचार बेहद दर्दनाक
पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि ग्रेटर नोएडा से आया दहेज हत्या का समाचार बेहद दर्दनाक है। घोर निंदनीय है। दहेज लालच का दूसरा नाम है और नारी के साथ भेदभाव का सबसे वीभत्स रूप भी। इसकी जड़ में नारी को दोयम दर्जे का मानने की सामंती सोच सक्रिय होती है।