मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) की नेता सुप्रिया सुले ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार की ‘लाडकी बहिन योजना’ में 4,800 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया और महिलाओं की आर्थिक मदद के लिए बनाई गई इस योजना पर श्वेत पत्र जारी करने और जांच कराने की मांग की।
इससे पहले, महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल ने रविवार को कहा था कि जो लोग ‘लाडकी बहिन योजना’ के लिए अयोग्य हैं, उन्हें खुद ही योजना से नाम वापस ले लेना चाहिए और जो पुरुष इसमें शामिल हुए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
सुले ने इस पर कहा, भुजबल साहब ने कहा कि जिन लोगों ने गलत तरीके से लाभ लिया, उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। लेकिन ये लोग कौन हैं? जब खाता नंबर मांगे गए थे, क्या उस वक्त केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) नहीं हुआ? क्या आधार कार्ड की जांच नहीं हुई? राज्य सरकार को बताना चाहिए कि यह पैसा आखिर गया कहां है? मैं इस पूरे मामले में जनहित याचिका दाखिल करने जा रही हूं।
राज्य में निकाय चुनावों से पहले वार्ड परिसीमन को लेकर भी सुले ने आपत्ति जताई और कहा कि वार्ड का बंटवारा कुछ लोगों की सुविधा के अनुसार किया गया है, न कि मतदाताओं के हित में। उन्होंने कहा, वार्ड का गठन नागरिकों की सुविधा और उनके हित को ध्यान में रखकर होना चाहिए। इस मुद्दे पर उन्होंने पुणे के नगर आयुक्त नवल किशोर राम से मुलाकात की।
वहीं, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि महायुति सरकार अपने किसान कर्जमाफी के वादे से पीछे नहीं हटी है और उचित समय पर यह योजना लागू की जाएगी। विपक्षी कांग्रेस लगातार सरकार पर आरोप लगा रही है कि वह किसानों की कर्जमाफी टाल रही है और राज्य में किसानों की दुर्दशा को लेकर गंभीर नहीं है।
पत्रकारों से बात करते हुए अजित पवार ने कहा, हम अपने किसान कर्जमाफी के वादे से नहीं भटके हैं। महायुति के घोषणापत्र में जो वादा किया गया था, हम उस पर कायम हैं। इस पर विचार करने के लिए एक समिति बनाई गई है क्योंकि ऐसे फैसले वित्तीय पहलुओं की सावधानीपूर्वक समीक्षा के बाद ही लिए जा सकते हैं।