Chennai : तमिलनाडु के सियासी गलियारों में तमिल बनाम हिंदी का मुद्दा हमेशा ही सुर्खियों में रहता है। इस बीच तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि का बड़ा बयान सामने आया है। राज्यपाल ने कहा कि तमिलनाडु की राजनीति क्षेत्रवाद नहीं है, बल्कि यह अनिवार्य रूप से तमिल ‘विशिष्टता’ है, जो इस बात पर जोर देता है कि तमिल अन्य भाषाओं से अलग है।
उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, ‘सच्चाई यह है कि हर साल छात्र तमिल माध्यम से अंग्रेजी माध्यम की ओर जा रहे हैं। तमिल में पढ़ाई करने वाले छात्रों की संख्या में लगातार और तेजी से गिरावट आ रही है।’ रवि ने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने तमिल भाषा और संस्कृति में अनुसंधान के लिए शून्य बजट दिया है। उन्होंने बताया, “राज्य अभिलेखागार में 11 लाख से अधिक ताड़पत्र पांडुलिपियां सड़ रही हैं। उनके संरक्षण के लिए कोई धनराशि आवंटित नहीं की गई है।”
अक्टूबर 2024 में दूरदर्शन के एक कार्यक्रम में ‘तमिल थाई वजथु’ से जुड़े विवाद का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि डीएमके के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने बिना किसी बात के हंगामा खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि वे इस कार्यक्रम में सिर्फ एक मेहमान थे और आयोजकों से गलती हुई। उन्होंने माफी भी मांगी। राज्यपाल ने कहा, ‘मैं तमिल थाई वजथु उन कई लोगों से कहीं बेहतर गा सकता हूं जो तमिल बोलते हैं।’

