दरअसल, एरियाना अफगान एयरलाइंस की ए310 विमान, फ्लाइट एफजी 311 (काबुल से दिल्ली), को रनवे 29एल पर लैंडिंग की अनुमति दी गई थी, लेकिन विमान रनवे 29आर पर उतर गया। फ्लाइट के पायलट इन कमांड ने बताया कि 4 नॉटिकल माइल की दूरी पर उनका आईएलएस (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) सिग्नल खो गया और विमान दाईं ओर मुड़ गया, जिसके बाद कैप्टन ने विजुअल अप्रोच के आधार पर रनवे 29आर पर लैंडिंग कर दी।
आईएलएस एक प्रिसिजन रेडियो नेविगेशन सिस्टम है, जो विमान को रात, खराब मौसम और कम दृश्यता की स्थिति में भी रनवे तक सुरक्षित तरीके से पहुंचाने में मदद करता है। डीजीसीए अधिकारी ने बताया कि पायलट ने कहा कि 4 एनएम पर आईएलएस सिग्नल खो गया था और विमान दाईं ओर मुड़ा, जबकि एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने पुष्टि की कि एफजी 311 को रनवे 29एल पर लैंडिंग की अनुमति दी गई थी और पायलट ने भी यही पुष्टि की थी।
अधिकारी के अनुसार, पायलट ने यह भी आरोप लगाया कि फाइनल अप्रोच फिक्स पार करने के बाद दोनों आईएलएस सिस्टम में खराबी आई, जबकि विमान रनवे 29एल की ओर स्थापित था। फाइनल अप्रोच फिक्स किसी भी इंस्ट्रूमेंट अप्रोच प्रक्रिया के अंतिम चरण की शुरुआत को दर्शाता है। पायलट ने अधिकारियों को बताया कि खराब दृश्यता और आईएलएस गाइडेंस फेल होने की वजह से विमान सही अप्रोच पथ से भटक गया और दिल्ली टावर की ओर से इस दौरान किसी भी विचलन की जानकारी नहीं दी गई।
लैंडिंग के बाद पायलट को एहसास हुआ कि विमान रनवे 29आर पर उतर गया है। पायलट के अनुसार, रनवे में यह विचलन आईएलएस सिस्टम फेल होने और कम दृश्यता में लेटरल गाइडेंस खोने की वजह से हुआ डीजीसीए अधिकारी ने बताया कि यह स्पष्ट नहीं है कि आईएलएस सिस्टम की समस्या विमान में थी या नहीं।