बंगाल : बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में औद्योगीकरण ठप होने का आरोप लगाते हुए तृणमूल कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा राज्य में जब से तृणमूल कांग्रेस सत्ता में आई है, तब से पश्चिम बंगाल औद्योगीकरण से जूझ रहा है। इसको लेकर बीजेपी ने राज्य में औद्योगीकरण की स्थिति पर एक बुकलेट, ‘West Bengal: Industrialisation graveyard’ जारी किया है। जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि राज्य में रोजगार पैदा करने के लिए बड़े उद्योग लगाना समय की जरूरत है।
मामले को लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सामिक भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि बड़े औद्योगिक घरानों ने पश्चिम बंगाल छोड़ दिया है, जिससे राज्य में औद्योगीकरण की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा है। साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल के सिंगूर और नंदीग्राम में हुई घटनाओं ने देश भर के उद्योगपतियों को गलत संदेश दिया है। उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल को फिर से औद्योगीकरण करने का एकमात्र समाधान बड़े उद्योग लगाना है और किसानों से ली गई जमीन पर बनने वाली इकाइयों में उन्हें मालिकाना हक दिया जाना चाहिए।
इसी मामले पर बोलते हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि 2015 से कोलकाता में हो रहे बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट (बीजीबीएस) एक ‘फ्लॉप शो’ रहे हैं। अधिकारी कहा, इन समिट को आयोजित करने में जो लागत आती है, वह उन फायदों से कहीं ज्यादा है जो जमीनी स्तर पर होने वाले असल निवेश के मामले में पश्चिम बंगाल को मिलने चाहिए थे।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल का आंतरिक कर्ज बहुत ज्यादा बढ़ गया है। राज्य को ऊपर उठाने का एकमात्र समाधान बड़े उद्योग लगाना है। अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल को जो बड़े निवेश मिले हैं, वे केंद्र सरकार के उपक्रमों से किए गए हैं, चाहे वह एयरपोर्ट, रेलवे, बंदरगाह, सड़कें या पेट्रोलियम सेक्टर हो। बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार राज्य की औद्योगिक प्रगति को उजागर करने के लिए 18 दिसंबर को शहर में एक व्यापार सम्मेलन आयोजित करेगी। इस व्यापार सम्मेलन से पहले विपक्ष नेताओं का यह बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।