Taiwan-China Row ताइवान की समुद्री सीमा के आस-पास चीन की सैन्य गतिविधियां लगातार जारी है, ताइवान के रक्षा मंत्रालय (एमएनडी) ने गुरुवार सुबह छह बजे तक ताइवान के आसपास चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों का पता लगाया है। मंत्रालय के अनुसार, इस दौरान चीन के छह सैन्य विमानों, आठ नौसैनिक जहाजों और एक सरकारी जहाज की मौजूदगी दर्ज की गई।
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इन छह विमानों में से दो विमान ताइवान और चीन के बीच मानी जाने वाली मध्य रेखा (मीडियन लाइन) को पार कर गए और ताइवान के उत्तरी तथा दक्षिण-पश्चिमी एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन (एडीआईजेड) में दाखिल हुए। मंत्रालय ने कहा कि स्थिति पर लगातार नजर रखी गई और आवश्यक जवाबी कदम उठाए गए।
इससे एक दिन पहले, बुधवार को भी ताइवान ने इसी तरह की गतिविधियों की जानकारी दी थी। उस दिन पांच चीनी सैन्य विमान, आठ नौसैनिक जहाज और एक सरकारी जहाज ताइवान के आसपास पाए गए थे। इनमें से एक विमान ने मीडियन लाइन पार कर ताइवान के एडीआईजेड में प्रवेश किया था। ताइवान का कहना है कि चीन की ये गतिविधियां उसकी सुरक्षा के लिए चिंता का विषय हैं और वह हर हाल में अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए सतर्क है।
पेंटागन रिपोर्ट में चीन की विस्तारवादी सोच पर चिंता
इसी बीच, अमेरिका के रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) की एक रिपोर्ट, जो अमेरिकी संसद को सौंपी गई है, ने चीन की व्यापक रणनीति को लेकर गंभीर चिंता जताई है। रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश को भी अपने तथाकथित मुख्य हितों में शामिल कर लिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के ‘मुख्य हितों’ में अब ताइवान, दक्षिण चीन सागर के समुद्री विवाद, सेंकाकू द्वीप समूह और भारत का अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं। चीन का लक्ष्य 2049 तक ‘चीनी राष्ट्र के महान पुनरुत्थान’ को हासिल करना बताया गया है। चीनी अधिकारियों का कहना है कि ताइवान समेत विवादित क्षेत्रों का एकीकरण उनके लिए राष्ट्रीय पुनरुत्थान की ‘स्वाभाविक आवश्यकता’ है। इससे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में तनाव और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

