Priyanka First Speech: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने लोकसभा में अपने पहले भाषण की शुरुआत भारत की समृद्ध संवाद परंपरा और संविधान के महत्व पर की। उन्होंने बताया कि भारत की संस्कृति में संवाद और वाद-विवाद की पुरानी परंपरा है, जो स्वतंत्रता संग्राम में अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों से प्रेरित थी। प्रियंका ने कहा कि इस संघर्ष ने हमारे संविधान का निर्माण किया, जो आज भी देशवासियों की आवाज़ है।
‘नेहरू जी की आलोचना से आगे बढ़ें’
प्रियंका गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर तीखा हमला करते हुए कहा कि अतीत में क्या हुआ, इस पर चर्चा करना सही नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि बीजेपी को पहले यह बताना चाहिए कि वर्तमान में उन्होंने क्या किया है, और क्या अब सारी जिम्मेदारी केवल पंडित नेहरू पर ही डाली जाएगी?
संविधान देशवासियों के लिए एक सुरक्षा कवच
प्रियंका गांधी ने संविधान को देशवासियों के लिए एक सुरक्षा कवच बताया, जो न्याय, एकता, और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 10वर्षों में सत्ताधारी दल ने संविधान को कमजोर करने की कोशिश की है, जैसे कि आरक्षण को कमजोर करना और निजीकरण को बढ़ावा देना। प्रियंका ने यह भी कहा कि अगर चुनाव का परिणाम अलग होता, तो संविधान को बदलने की भी कोशिश की जा सकती थी, लेकिन जनता ने इसे रोक दिया।
सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल
प्रियंका ने सरकार पर बेरोजगारी और महंगाई जैसी समस्याओं का समाधान न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि किसान, मजदूर और गरीब तबका अभी भी संकट में है, और सरकार कृषि कानूनों को बड़े उद्योगपतियों के लाभ के लिए बना रही है, जबकि किसान इससे परेशान हैं।
जातिगत जनगणना और महिला आरक्षण बिल पर जोर
प्रियंका गांधी ने जातिगत जनगणना की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि यह समाज की वास्तविक स्थिति को उजागर करेगा, जो सामाजिक और आर्थिक न्याय के लिए जरूरी है। उन्होंने महिला आरक्षण बिल के लागू होने में देरी पर भी सवाल उठाए, और कहा कि इसे जल्द लागू करना महिलाओं के अधिकारों का सम्मान होगा।