Sheikh Hasina On Vijay Diwas: करीब चार दशक पहले दुनिया के मानचित्र में “बांग्लादेश” नाम का एक नया राष्ट्र उभड़ कर सामने आया था। 16 दिसंबर 1971 को हुए बांग्लादेश निर्माण में भारत ने अहम भूमिका निभाई थी। यही कारण है कि आज बांग्लादेश से भारत तक आज का दिन “विजय दिवस” के रुप में मना रहा है। भारत के कई राज्यों में बांग्लादेश निर्माण युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दिया जा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई दिग्गज लोगों ने विजय दिवस के मौके पर शहीदों को याद किया है। गौरतलब है कि 1971 युद्ध में भारत की सेना ने बांग्लादेश के सैनिकों को प्रशिक्षण दिया थी।
हालांकि, वर्तमान परिस्थिति को देखें तो भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्तें कुछ खास अच्छे नहीं हैं। बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस और उनके मंत्रीमंडल लगातार भारत विरोधी बयान दे रहा है। वहीं, शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ भारी हिंसा देखने को मिली है। हिंदुओं को चिन्हित करके मारा जा रहा है। और वहां की सरकार और प्रशासन मुकदर्शक बनी हुई है। इस हिंसा के खिलाफ भारत सरकार ने भी कई बार युनूस सरकार के क्रियाकलापों पर सवाल उठाई हैं। साथ ही भारत में शरणार्थी बनकर रहने वाली बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने विजय दिवस के मौके पर युनूस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
शेख हसीना ने यूनुस सरकार पर साधा निशाना
विजय दिवस के मौके पर शेख हसीना का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र विरोधी समूहों ने असंवैधानिक रूप से सत्त पर कब्जा कर लिया है। साथ ही शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस पर हमला बोलते हुए कहा, “फासीवादी यूनुस के नेतृत्व वाले इस अलोकतांत्रिक समूह की लोगों के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं है। वे सत्त पर कब्जा कर रहे हैं और सभी जन कल्याण कार्यों में बाधा डाल रहे हैं।”
साथ ही हसीना ने आगे कहा, “बांग्लादेश की सरकार लोकतांत्रिक रूप में नहीं चुनी गई है, इसीलिए लोगों के प्रति उनकी कोई जवाबदेही नहीं है। उनका मुख्य उद्देश्य मुक्ति संग्राम और मुक्ति समर्थक ताकतों की आवाज दबाना है।” इसके अलावा हसीना ने यूनुस सरकार पर कट्टरपंथी सांप्रदायिक ताकतों को समर्थन देने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि फासीवादी यूनुस सरकार के नेताओं के द्वारा मुक्ति संग्राम और उसके इतिहास के खिलाफ मुहिम चलाया जा रहा है।
1971 में बना था बांग्लादेश
गौरतलब है कि 16 दिसंबर 1971 को ही बांग्लादेश बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ था। भारत और पाकिस्तान के बीच 13 दिनों तक युद्ध चलने के बाद 93,000 पाक सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया था। जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान को एक अलग राष्ट्र बांग्लादेश घोषित कर दिया गया था। इस दौरान भारतीय सेना ने बांग्लादेश बनाने की मुहिम में शामिल लड़ाकों को भी ट्रेंनिग दी थी।