PM Modi Kuwait Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी कुवैत यात्रा के दौरान प्रवासी भारतीयों से मिले और उन्हें संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, “आप सभी को देखकर ऐसा लग रहा है कि जैसे मेरे सामने मिनी हिंदुस्तान उमड़ आया है। हर क्षेत्र के लोग यहां हैं, लेकिन सभी के दिल में एक ही गूंज है – भारत माता की जय।”
कुवैत में भारत और भारतीयता का योगदान सराहनीय
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रवासी भारतीयों से बातचीत करते हुए उन्हें क्रिसमस, नए साल और भारत में मनाए जाने वाले विभिन्न त्योहारों की शुभकामनाएं दी। उन्होंने यह भी कहा कि यह उनके लिए एक विशेष पल है, क्योंकि 43साल यानी चार दशकों बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री कुवैत आया है। पीएम मोदी ने कहा, “आपको भारत से कुवैत आने में केवल चार घंटे लगते हैं, लेकिन किसी प्रधानमंत्री को यहां आने में 40साल लग गए।”
पीएम मोदी ने कुवैत में रह रहे भारतीयों के योगदान की सराहना करते हुए कहा, “आपमें से बहुत से लोग पीढ़ियों से कुवैत में रह रहे हैं और कई लोग यहीं पैदा हुए हैं। हर साल सैकड़ों नए भारतीय कुवैत आते हैं और आपने कुवैत के समाज में भारतीयता का रंग भरा है। मैं यहां सिर्फ आपसे मिलने नहीं आया हूं, बल्कि आपकी उपलब्धियों को सेलिब्रेट करने आया हूं।”
कुवैत में भारतीयों का योगदान और सम्मान
प्रधानमंत्री ने कुवैत में काम कर रहे विभिन्न भारतीय प्रोफेशनल्स की भी तारीफ की। उन्होंने कहा, “कुछ समय पहले ही मैंने यहां काम कर रहे टीचर्स, आर्किटेक्ट्स और अन्य पेशेवरों से मुलाकात की। आप कुवैत की अगली पीढ़ी को मजबूत बना रहे हैं और कुवैत के इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। जब भी मैं कुवैत के नेताओं से बात करता हूं, वे हमेशा भारतीयों की मेहनत, ईमानदारी और कौशल की सराहना करते हैं।”
पीएम मोदी ने यह भी बताया कि कुवैत और भारत के बीच व्यापारिक संबंधों की भी लंबी इतिहास है। उन्होंने कहा, “मुंबई के बाजारों में कुवैत की पहचान है और गुजरात के व्यापारी कुवैत से जुड़े हुए हैं। पहले भारतीय करेंसी कुवैत में प्रचलित थी। भारत और कुवैत के नागरिकों के बीच संकट के समय भी हमेशा मदद का आदान-प्रदान हुआ है, जैसे कोरोना महामारी के दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे की मदद की थी।”
भारत और कुवैत के साझे भविष्य की ओर
प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैत के लोगों की मदद की भी सराहना की, विशेष रूप से कोरोना के दौरान कुवैत द्वारा भारत को लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति करने और कुवैत सरकार द्वारा भारतीयों के प्रति सहानुभूति दिखाने के लिए। उन्होंने कुवैत में जून में हुए अग्निकांड में भारतीयों की मौत का जिक्र करते हुए कहा, “मुझे जब यह खबर मिली, तो मुझे काफी चिंता हुई। लेकिन कुवैत सरकार ने जो सहयोग किया, वह भाईचारे का प्रतीक था।”